मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि प्रदेश में विद्युत लाइनों एवं उपकरणों के रखरखाव के लिए मानक संधारण प्रक्रिया लागू की गई है। पूर्व में लाइनों एवं उपकरणों का रखरखाव वर्ष में दो बार किया जाता था, जिसे अब एक सतत् प्रक्रिया बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि इसमें वर्ष भर अलग-अलग उपकरणों एवं लाईनों का संधारण किया जा रहा है। इसके कारण तकनीकी व्यवधानों में कमी आई है। इस प्रक्रिया की समीक्षा के लिए एक विशेष मॉड्यूल बनाया गया है। उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय के लिए अधोसंरचना विकास के अतिरिक्त विद्युत व्यवधान में कमी लाने के लिए नियमित संधारण की मानक संचालन प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है।
विद्युत उपभोक्ताओं से दूरभाष पर कनिष्ठ अभियंता से लेकर प्रमुख सचिव स्तर तक एवं स्वयं ऊर्जा मंत्री द्वारा भी चर्चा कर शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है तथा विभाग की कार्य-प्रणाली का फीडबैक लिया जा रहा है। समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया से प्राप्त शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए तुरंत कार्यवाही की जा रही है।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय संबंधी शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए केन्द्रीयकृत कॉल सेंटरों को सुदृढ़ किया गया है। माह अप्रैल, 2020 से सितंबर, 2021 तक की अवधि में प्राप्त सभी 48.45 लाख शिकायतों को निराकृत किया गया है। शिकायतों के निराकरण की औसत अवधि जो पिछले वर्ष एक घंटा 31 मिनट थी, घट कर एक घंटा 16 मिनट कर दी गई हैं।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि शिकायतों के निराकरण उपरांत उपभोक्ता संतुष्टि के लिए फीडबैक व्यवस्था के अन्तर्गत 13.95 लाख उपभोक्ताओं से संपर्क कर फीडबैक प्राप्त किया गया। औसत उपभोक्ता संतुष्टि प्रतिशत 98.67 प्रतिशत पाया गया। असंतुष्ट उपभोक्ताओं से मैदानी अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत संपर्क कर उनकी समस्या के निराकरण के प्रयास किये जा रहे हैं।
उपभोक्ताओं की गलत देयकों से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए माह अप्रैल, 2020 से सितंबर, 2021 की अवधि में वितरण केन्द्र व जोनवार कुल 7556 शिविरों का आयोजन कर 53 हजार 830 शिकायतों का मौके पर ही निराकरण किया गया है।
10 किलोवाट से अधिक संयोजित भार वाले सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग बिना मानवीय हस्तक्षेप के एएमआर या एमआरआई के माध्यम से किए जाने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। इससे ऐसे उपभोक्ताओं की त्रुटिहीन रीडिंग एवं सटीक बिलिंग संभव हो सकेगी। सभी जिला मुख्यालयों में आकलित खपत के आधार पर की जा रही बिलिंग को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। त्रुटिपूर्ण बिलिंग की शिकायत को दूर करने के उद्देश्य से मीटर वाचकों का रूटमैप तैयार किया जा रहा है। इससे प्रत्येक 3 माह में मीटर वाचकों की अदला-बदली करते हुए त्रुटिहीन मीटर रीडिंग एवं बिलिंग सुनिश्चित की जा सकेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व वसूली के लिए स्व-सहायता समूहों और पंचायतों के माध्य्म से सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। वितरण कंपनियों की राजस्व संग्रहण क्षमता एवं उपभोक्ता सेवाओं में सुधार लाने तथा अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन योजना लागू की गई है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत विदिशा जिले के कृषि उपभोक्ता्ओं को सब्सिडी का वितरण डीबीटी स्कीम से माध्यम से शुरू किया गया है। इस स्कीम के लागू करने से प्रदेश सरकार को वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 1423 करोड़ रूपये की अतिरिक्त ऋण सीमा की स्वीकृति प्रदान की गई। अन्य वितरण कंपनियों अंतर्गत आने वाले चयनित जिलों (झाबुआ एवं सिवनी) में भी सब्सिडी का वितरण डीबीटी स्कीम के माध्यम से शुरू किया जा रहा है।