मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने के लिए अब अलग से बिजली कनेक्शन लेना ऊर्जा विभाग ने अनिवार्य कर दिया है। बिना पृथक कनेक्शन लिए इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने वालों पर विद्युत अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।
वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए अलग से विद्युत दर निर्धारित की गई है। नियामक आयोग ने इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए दिए जाने वाले कनेक्शन के लिए 6 रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित की है। इसके साथ ही प्रति केवीए 100 रुपये फिक्स चार्ज भी देना होगा।
ऊर्जा विभाग ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं द्वारा घरेलू, कृषि अथवा अन्य प्रयोजन से लिये गये बिजली कनेक्शन का उपयोग वाहन चार्ज करने के लिए न किया जाए। ऐसा करने पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 की उपधारा 2 के तहत ई-रिक्शा, वाहन एवं संबंधित उपकरणों को जब्त कर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करने वालों को विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर पृथक मीटर के माध्यम से ही विद्युत का उपयोग करना होगा। वाहनों के चार्जिंग के लिए उपयुक्त श्रेणी में त्वरित कनेक्शन दिये जाएंगे। ऐसे व्यक्ति जो मीटर को बायपास कर या विद्युत चोरी कर अपना इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करते पाए जाते हैं तो ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए बिजली की पृथक से दरें निर्धारित की गई हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं एवं राज्य शासन की समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण करने के बाद स्थापित किए जाने वाले विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनों को पृथक से विद्युत कनेक्शन लेना अब अनिवार्य कर दिया गया है।