रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के कार्यों में हर हाल में तीव्रता लाई जाए। सभी कॉन्ट्रेक्टर समय पालन के लिए गंभीर हो जाए, समय पर कार्य पूरा नहीं होने पर होने वाले नुकसान की सभी जिम्मेदारी संबंधित फर्मों की होगी। आरडीएसएस के तहत इंदौर सहित विभिन्न जिलों में शेष तीस ग्रिडों का काम हर हाल में अगले तीन माह में हो जाए। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक सुश्री रजनी सिंह ने ये निर्देश आज शुक्रवार को आरडीएसएस के कार्यों की समीक्षा करते हुए दिए।
उन्होंने अधिकारियों एवं संबंधित कॉन्ट्रेक्टर फर्मों के प्रतिनिधियों से बिंदुवार चर्चा की। इसमें 33/11 केवी ग्रिड, ट्रांसफार्मर, कंडक्टर आगमेंटेशन, केपिसिटर बैंक, अंडर ग्राउंड केबल इत्यादि के कार्य शामिल हैं।
सुश्री रजनी सिंह ने कहा कि यह योजना टाइम बांउड हैं, समय पर कार्य प्रगति नहीं हुई तो बिजली कंपनी की रैंकिंग पर प्रतिकूल असर पड़ सकता हैं। इसलिए सभी कॉन्ट्रेक्टर फर्म अपने संपूर्ण कार्य समय पर करे। वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्त होने में मात्र तीन से साढ़े तीन माह का समय बचा हैं।
इस दौरान बताया गया कि कंपनी क्षेत्र में 741 केपिसिटर बैंकों में से 620 का कार्य पूरा हो गया हैं। शेष केपिसिटर बैंक दिसंबर अंत तक लग जाएंगे। बताया गया कि अब तक तैयार 250 एमवीए क्षमता के 50 ग्रिडों से एवं 620 केपिसिटर बैंकों से रबी की सीजन में किसानों को बिजली पर्याप्त गुणवत्ता के साथ मिल रही हैं।
समीक्षा बैठक में विभिन्न जिलों के अधीक्षण यंत्रियों ने अपने जिलों की प्रगति बताई। प्रबंध निदेशक ने अधीक्षण यंत्रियों एवं फर्मों के प्रतिनिधियों को वित्तीय वर्ष के अंत तक के शेष कार्यों को समय पर पूर्ण करने एवं विभागीय तौर पर साप्ताहिक मानिटरिंग करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य अभियंता एसएल करवाड़िया, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एससी वर्मा, आरबी दोहरे आदि ने भी विचार रखें।