मध्य प्रदेश के बालाघाट में विद्युत अधिकारियों की लापरवाही के चलते सहायक लाइनमैन असमय मौत का शिकार बन गया। इसे लापरवाही की पराकाष्ठा ही कहेंगे कि विद्युत सुधार के लिये पोल पर चढ़ा सहायक लाइनमैन रात भर 11 हजार केवी की लाइन से चिपका रहा, लेकिन विभागीय अधिकारियों को इसकी खबर तक नहीं लग सकी।
जानकारी के अनुसार बालाघाट के परसवाड़ा के अंतर्गत ग्राम लच्छीटोला में बिजली गुल होने पर सहायक लाइनमैन दिनेश पटले 11 हजार केवी की लाइन के पोल पर चढ़कर विद्युत सुधार कार्य कर रहा था, इसी दौरान अचानक बिजली आपूर्ति चालू हो गई, जिससे वह करंट की चपेट में आ गया और बुरी तरह झुलस गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि करंट की चपेट में आया सहायक लाइनमैन दिनेश पटले रात भर लाइन से चिपका रहा, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने अपने कर्मचारी की सुध तक नहीं ली। सुबह जब लोगों ने देखा, तो घटना का पता चला। जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया। हालांकि अधिकारियों के आश्वासन के बाद मामला शांत हो गया।
मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि विद्युत तंत्र के सुधार के लिये बिजली आपूर्ति बंद करने का परमिट लेने के बाद भी अचानक सप्लाई चालू होने की कई घटनायें हो चुकी हैं, जिसमें अनके विद्युत कर्मी असमय मौत को शिकार हो चुके है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन आज तक किसी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने बताया कि हर बार जांच के नाम पर खानापूर्ति की जाती है, लेकिन ऐसी घटनाओं के लिये जिम्मेदार लोगों पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।