भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा के बजट सत्र का आज (सोमवार को) चौथा दिन है। विधानसभा के बजट सत्र में आज लेखानुदान आएगा। करीब एक लाख करोड़ से ज्यादा का लेखानुदान होने का अनुमान है, जिसमें केंद्र सरकार के बजट के अहम प्रावधानों को लेखानुदान में शामिल किया जाएगा। प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार इस सत्र में बजट पेश नहीं करेगी, सिर्फ अपनी योजना का अनुमानित खर्च बताएगी। सरकार जुलाई माह में अपना पूर्ण बजट लाएगी।
मप्र विधानसभा के चालू सत्र में आज उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा सदन के पटल पर वर्ष 2024-25 के लिए लेखानुदान प्रस्तुत करेंगे। डॉ. मोहन सरकार लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में पूर्ण बजट प्रस्तुत करेगी। लेखानुदान के माध्यम से विभागों को अप्रैल से जुलाई 2024 तक विभिन्न योजनाओं में राशि व्यय करने के लिए आवंटित की जाएगी। यह सभी वर्गों को साधने और संकल्प पत्र की पूर्ति की दिशा में कदम बढ़ाने वाला होगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा अपने अंतरिम बजट भाषण में प्रदेश की वित्तीय स्थिति का ब्योरा रखेंगे। इसके साथ ही अभी तक अर्जित सफलताओं का उल्लेख करते हुए सरकार की प्राथमिकताएं बताएंगे।
वित्त विभाग द्वारा सभी सदस्यों को लेखानुदान की जानकारी पेन ड्राइव में दी जाएगी। जुलाई में जब बजट सत्र होगा, उसके पहले नए सदस्यों को टैबलेट दिए जाएंगे। चूंकि, यह बजट नहीं लेखानुदान है इसलिए इस पर सदन में विभागवार चर्चा नहीं होगी।
लेखानुदान में मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्रति क्विंटल दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के लिए प्रावधान किया जाएगा। लाड़ली बहना को प्रतिमाह दी जाने वाली एक हजार 250 रुपये की राशि के हिसाब से चार माह का आवंटन महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया जाएगा तो किसानों को बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराने के लिए सहकारिता विभाग को ब्याज अनुदान योजना में राशि मिलेगी। तीन वर्षों के लिए 105 करोड़ रुपये की स्वीकृति सरकार ने दी है। प्रदेश में अधोसंरचना विकास के लिए सात एक्सप्रेस वे बनाए जा रहे हैं। इसके लिए लेखानुदान में अंशदान रखा जाएगा।
लेखानुदान में विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया और सहरिया) बहुल क्षेत्रों में आवास निर्माण, सामुदायिक केंद्र, आंगनबाड़ी, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क सहित अन्य कार्यों के लिए प्रधानमंत्री जन मन योजना अंतर्गत राज्यांश रखा जाएगा। तीन वर्ष में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये इस योजना में व्यय होंगे। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण के लिए भी राज्यांश की व्यवस्था की जाएगी।
इसके अलावा अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति और मेधावी विद्यार्थी योजना के लिए राशि निर्धारित की जाएगी। आयुर्वेदिक कालेज की स्थापना, जननी एक्सप्रेस वाहनों की संख्या में वृद्धि, सिंहस्थ 2028, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सहित अन्य योजनाओं के लिए विभागों को राशि आवंटित की जाएगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए भारत सरकार ने अंतरिम बजट में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। इस अनुपात में प्रदेश सरकार राज्यांश की व्यवस्था करेगी। एकीकृत पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के लिए भी प्रतीकात्मक प्रविधान किया जा सकता है।