मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के मंत्रीमंडल ने मप्र धर्म स्वातंपय विधेयक-2020 (लव जिहाद कानून) को आज शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधेयक को अब विधानसभा के सत्र में पेश किया जाएगा। विधेयक के पारित होते ही 1968 वाला धर्म स्वातंपय कानून समाप्त हो जाएगा।
इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का दुष्प्रेरण अथवा षडय़ंत्र नहीं कर सकेगा।
अपना धर्म छुपाकर धर्म स्वातंपय अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन साल से दस साल तक के कारावास और 50 हजार रूपए अर्थदण्ड और सामूहिक धर्म परिवर्तन या अधिक व्यक्ति का प्रयास करने पर 5 से 10 वर्ष के कारावास एवं एक लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है।
वहीं किसी भी व्यक्ति के द्वारा अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक साल से पांच साल तक के कारावास और 25 हजार रूपए का जुर्माना लगेगा. इसके साथ ही नाबालिग, महिला, अजा-अजजा के केस में दो से दस साल तक की कारावास और कम से कम 50 हजार रुपए का अर्थदंड लगाने का प्रावधान है।