मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों में कार्यरत ठेका श्रमिकों का ठेकेदार किस तरह करते हैं, इसका खुलासा तब हुआ जब प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ट्रांसमिशन कंपनी के शाजापुर एवं देवास स्थित सब-स्टेशन के औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे। वहां कार्यरत ठेका श्रमिकों की व्यथा सुनकर ऊर्जा मंत्री ने ठेकेदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई है।
जानकारी के अनुसार ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शनिवार को इंदौर से ग्वालियर जाते समय ऊर्जा विभाग की पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी के 220 केवी एवं 132 केवी उप केंद्र मक्सी, शाजापुर एवं आगरोद का आकस्मिक निरीक्षण किया।
शाजापुर जिले के मक्सी एवं देवास जिले के आगरोद में निरीक्षण के दौरान आउट सोर्स श्रमिक के रूप में कार्यरत आपरेटर एवं सुरक्षा गार्ड से वेतन सम्बन्धी जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि उक्त कर्मचारियों को ठेकेदार द्वारा वेतन का भुगतान करने के पश्चात वेतन का कुछ हिस्सा वापस ले लिया जाता है।
प्रकरण संज्ञान में आते ही ऊर्जा मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही के निर्देश दिये। सम्बन्धित ठेकेदारों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। ऊर्जा मंत्री तोमर ने पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी जबलपुर के एमडी को निर्देशित किया कि प्रदेश के समस्त उपकेंद्रों निरीक्षण किया जाए। निरीक्षण में ऐसे प्रकरण सामने आते हैं तो दोषियों पर आवश्यक कार्यवाही करें।
ऊर्जा मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि आउट सोर्स पर कार्यरत आपरेटर एवं सुरक्षा गार्ड से वेतन सम्बन्धी जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि उक्त कर्मचारियो को ठेकेदार द्वारा वेतन का भुगतान करने के पश्चात वेतन का कुछ हिस्सा वापस ले लिया जाता है। यह अमानवीय कृत्य बर्दाश्त योग्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि उक्त प्रकरण संज्ञान में आते ही सम्बन्धित अधिकारियों को दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए तथा सम्बन्धित ठेकेदारों के विरुद्ध विद्युत विभाग द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
आउट सोर्स पर कार्यरत आपरेटर एवं सुरक्षा गार्ड से वेतन सम्बन्धी जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि उक्त कर्मचारियो को ठेकेदार द्वारा वेतन का भुगतान करने के पश्चात वेतन का कुछ हिस्सा बापस ले लिया जाता है। यह अमानवीय कृत्य बर्दाश्त योग्य नही है। 2/4@JansamparkMP@JM_Scindia@ZeeMPCG pic.twitter.com/JtuL5vKSc5
— Pradhuman Singh Tomar (@PradhumanGwl) December 12, 2020