मध्य प्रदेश के लोक सेवकों को भी मिले केंद्रीय कर्मचारियों की तरह विशेष आकस्मिक अवकाश

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को कोरोना महामारी से संक्रमण होने पर एक बड़ो राहत प्रदान की है। केन्द्र सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है, जिसके अनुसार पैरेंट्स या परिवार का कोई आश्रित सदस्य कोरोना से संक्रमित होता है या उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़े तो केन्द्रीय कर्मचारी को 15 दिवस की स्पेशल कैजुअल लीव विशेष आकस्मिक अवकाश ले सकता है।

साथ ही स्वयं के कारोना संकमित होने पर, क्वारंटाइन या आईसोलेशन में रहने या अस्पताल में भर्ती होने पर 20 दिन की स्पेशल कैजुअल लीव (एससीएल) की पात्रता होगी। यदि कर्मचारी सीधे तौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आता है तो उसे 7 दिन होम क्वारेंटाइन के साथ वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी दी गई है। केन्द्र सरकार का उक्त आदेश 25 मार्च 2020 से आगामी आदेश तक लागू किये गये है।

मध्य प्रदेश के शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा भी कोरोना महामारी के दौरान अपने कर्तव्यों एवं दायित्यों का बखूबी निर्वाहन किया है, जिसके चलते वे स्वयं व उनका परिवार भी इस महामारी से संकमित हुआ है। परन्तु केन्द्र के समान उक्त विशेष अवकाश का लाभ प्रदेश के शासकीय लोक सेवकों को प्राप्त नहीं होने से उनमें अत्याधिक रोष व्याप्त है। 

संघ के अवधेश तिवारी, वीरेश शर्मा, आलोक बाजपेयी, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डेय, अरविन्द्र चौबे, शरद बाथव, लक्ष्मण साहू, प्रथमेश साहू, डॉ संदीप नेमा, आशुतोष तिवारी, दीपक राठौर, अनुराग चन्द्रा, संतोष दुबे, सदेश श्रीवास्तव, सुरेन्द्र जैन, एम.एल. नामदेव, श्याम नारायण तिवारी, नितिन शर्मा, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, विनय नामदेव, संतोष तिवारी, महेश कोरी आदि ने मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन को ईमेल भेजकर मांग की है कि प्रदेश के शासकीय लोक सेवकों को भी केन्द्र सरकार के समान कोरोना से संक्रमण होने पर विशेष आकस्मिक अवकाश का लाभ प्रदान किये जाने के आदेश शीघ्र जारी किये जाएं।