मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि शासन द्वारा कोविड-19 कोरोना संक्रमण के मृत कर्मचारियों के आश्रित परिवार को कोरोना डयूटी अथवा कोरोन संक्रमित होने के फलस्वरूप मृत्यु होने पर एक मुश्त पाँच लाख रुपये एवं उसी पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की घोषणा कर इसे 1 मार्च 2021 प्रभावशील किया गया है।
जबकि कोरोना महामारी का प्रकोप पिछली फरवरी-मार्च 2020 से लगातार जारी है, तबसे लेकर आज तक प्रदेश के सैंकड़ों कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है। एक कर्मचारी जब संपूर्ण सेवाकाल के पश्चात सेवा निवृत्त होता है, तो उसे समस्त प्रकार के स्वत्वों को मिलाकर लगभग 30 से 50 लाख तक की राशि प्राप्त होती है।
शासन द्वारा एकमुश्त 5 लाख रुपये दिये जाने की जो घोषणा की गई है वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। कोरोना महामारी के संदर्भ में कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों के आश्रित परिवार को राहत देने के उद्देश से इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सरकार को 50 लाख रुपये एक मुश्त तथा अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का निर्णय पारित किया गया है। चूंकि कर्मचारी शासन का एक अभिन्न अंग है। अतः मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए कोरोना से मृत कर्मचारी के आश्रित परिवार को एक मुश्त 50 लाख रुपये एवं नियमित पद पर बंधन मुक्त अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाना चाहिए।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, जवाहर केवट, प्रहलाद उपाध्याय, मुन्ना लाल पटैल, नरेन्द्र सेन, मनोज राय द्विय, शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डे, अजय दुबे, अरूण दुबे, विनोद साहू, बलराम नामदेव, के.के. तिवारी, अजय राजपूत, गोपाल पाठक, हरिशंकर गौतम, गणेश चतुर्वेदी, कैलाश शर्मा, लक्ष्मण परिहार, हर्ष मनोज दुबे, के.के. विश्वकर्मा, कृपाल झारिया, नेतराम झारिया, सतीश उपाध्याय आदि ने मुख्यमंत्री को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की है कि कोरोना से मृत कर्मचारी के आश्रित परिवार को एकमुश्त 50 लाख रुपये एवं नियमित पद पर बंधन मुक्त अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जावे।