मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा के आधार पर चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता जारी कर दी गई है। जिसके कारण प्रदेश सरकार को कर्मचारियों की संपूर्ण आर्थिक माँगों को अनदेखा करने का बहाना मिल गया है, जिससे जिले के साथ साथ प्रदेश के 10 लाख कर्मचारी आन्दोलित है।
प्रदेश के निगम, मण्डल, जनपद के कर्मचारियों को 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता केन्द्रीय कर्मचारियों से कम मिल रहा है। साथ ही जलाई 2020 की क्रमोन्नति का एरियर्स भी नहीं दिया गया। केन्द्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता, आवास भत्ता प्रतिमाह 1500 से लेकर 8000 रुपये मिलना चाहिये।
साथ ही पदोन्नति न होने से हजारों कर्मचारी अधिकारी सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। इसके अलावा नवीन पेंशन योजना बंद कर पुरानी पेंशन योजना पुनः जारी की जाये। प्रदेश में होने वाले उप चुनाव से पूर्व सरकार कर्मचारियों की संपूर्ण आर्थिक मांगों का निराकरण करे तथा सरकार द्वारा किया जा रहा कर्मचारियों का शोषण बंद किया जाये, अन्यथा प्रदेश कर्मचारी सड़क पर उतरने बाध्य होंगे।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, संजय यादव, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, मुन्ना लाल पटेल, आशुतोष तिवारी, दुर्गेश पाण्डे, गोविन्द्र बिल्थरे, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, श्याम नारायण तिवारी, घीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, सुरेन्द्र जैन, के.पी दुबे, प्रशांत शुक्ला, नितिन शर्मा, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय आदि ने उप चुनाव से पहले कर्मचारियों को महंगाई भत्ता, आवास भत्ता, पदोन्नति, बीमा, पेंशन आदि की संपूर्ण सुविधा के आदेश जारी किये जाने की मांग मुख्यमंत्री जी से की है।