मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश की हजारों आंगनवाडी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं में शासन के दोहरे मापदण्ड से घोर निराशा व्याप्त है, जहां शासन द्वारा विगत एक वर्ष से परिवहन भत्ता प्रदान नहीं किया जा रहा है, प्रशिक्षण एवं अन्य कार्यों हेतु जिला एवं विकासखण्ड मुख्यालय में कई बार आना जाना पड़ता है, उन्हें स्वंय के व्यय पर आवागमन का खर्च वहन करना पडता है, जिससे उनका आर्थिक शोषण हो रहा है।
वहीं लाड़ली लक्ष्मी योजना की आनलाईन फीडिंग का कार्य डाटा आपरेटर से करवाने हेतु बाजार की कम्प्यूटर दुकानों से स्वंय के व्यय पर भुगतान कर फीडिंग करानी पड़ती है, अगर फीडिंग नहीं होती है तो गरीब बच्चियों का भुगतान रूक जायेगा, ऐसे में जनआक्रोश का सामना भी उन्हें करना पड़ रहा है। इसी तरह उन्हें पोषण आहार ब्लाक कार्यालय से आंगनवाडी केन्द्र तक स्वयं के व्यय पर लाने हेतु विवश किया जा रहा है। शासन ने विगत एक वर्ष से अधिक समय से इसके मानदेय के भुगतान पर रोक लगा दिया है। दीपावली पर्व के पूर्व दिया जाने वाला बोनस भी कोरोना काल के बाद से रोक दिया गया है। आंगनवाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं में होने वाले आर्थिक नुकसान से शासन के प्रति घोर आक्रोश व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नीरज मिश्रा, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, परशुराम तिवारी, कमलेश कोरी, दिलराज झारिया, सीएन शुक्ला, चूरामन गूजर, सतीश देशमुख, इंद्रजीत मिश्रा, अशोक मेहरा, नवीन यादव, योगेश कपूर, पंकज जायसवाल, सुशील गर्ग, हेमन्त गौतम, श्याम नारायण तिवारी, मेहश कोरी, नितिन शर्मा, संतोष तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, अमित गौतम, शैलेन्द्र दुबे, रामकृष्ण तिवारी, संदीप चौबे, रितुराज गुप्ता, प्रमोद वर्मा, वीरेन्द्र सिंह ठाकुर, वीरेन्द्र पटेल, राकेश वर्मा, देवेन्द्र दाहिया, अभिषेक वर्मा, मनोज सिंह, शेरसिंह, राजाबाबू बैगा आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ईमेल भेजकर मांग की है कि आंगनवाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं से दोहरा मापदंड बंद करते हुए उनको समस्त रोके गये आर्थिक स्वयत्तों का भुगतान शीघ्र करायें जायें, अन्यथा संघ धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन हेतु बाध्य होगा, जिसकी संपूर्ण जबाबदारी शासन की होगी।