मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश के साथ साथ जिले के सभी विभाग प्रमुख, आहरण संवितरण अधिकारी, संकुल प्राचार्य, कार्यालय के लेखापाल जिन्हें वित्त विभाग के नए सॉफ्टवेयर आईएफएमआईएस (एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली) की तकनीकी जानकारी व समझ पूर्णरूप से नहीं हाने के कारण इनके द्वारा कर्मचारियों की प्रोफाइल अपडेशन जैसी छोटी जानकारी भी समय पर पूरी नहीं की जा रही है।
जिस कारण किसी कर्मचारी की अचानक मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को समय पर आर्थिक क्लेम का भुगतान नहीं हो पा रहा है। तकनीकी समझ की कमी के कारण 24 घंटे में मिलने वाली अनुग्रह राशि के भुगतान में हफ्ते से दस दिन लग जाता हैं।
आईएफएमआईएस साफ्टवेयर में हो रहे नवीन सुधार व तकनीकी परिवर्तन से आहरण संवितरण अधिकारी व कार्यालयीन लेखापाल भी अंजान रहते हैं। समय समय पर वित्त विभाग द्वारा अधिकारी व कर्मचारियों को प्रत्येक तीन माह में एक प्रशिक्षण आयोजित कर आने वाली तकनीकी समस्याओं व दिक्कतों को सुनकर प्रशिक्षण के माध्यम से हल कराया जाये। जिससे अधिकारी व कर्मचारी नवीन साफ्टवेयर की तकनीकी समझ प्राप्त कर समय पर समस्याओं को निराकरण कर सकें।
संघ के योगेन्द्र दुबे, संजय यादव, मनोज राय, आर.के. परोहा, गोविन्द्र बिल्थरे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, अनुराग चन्द्रा, दीपक राठौर, सुनील सेठी, संजय चौबे, विनोद पोद्दार, संतोष नामदेव, लक्ष्मण कोष्टा, हिमान्शु शुक्ला, नरेन्द्र शुक्ला, राकेश राव, सतेन्द्र ठाकुर, रजनीश तिवारी, पवन श्रीवास्तव, निखिल जैन, एस.पी. बाथरे, वीरेन्द्र चन्देल, श्याम नारायण तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, नितिन शर्मा आदि ने वित्त मंत्री एवं प्रमुख सचिव वित्त को ईमेल भेजकर आईएफएमआईएस में आ रही तकनीकी समस्याओं के लिए जिला एवं विकास खण्ड स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित कराये जाने की मांग की है।