मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों में मैदानी तकनीकी कर्मचारियों की कमी अब जानलेवा होती जा रही है। कर्मचारियों की इतनी कमी हो चुकी है कि अधिकारी अब उम्रदराज कर्मियों को भी विद्युत पोल पर चढ़ाने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों का ये दबाव घातक साबित हो रहा है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार 12 जनवरी को जबलपुर रीजन के अंतर्गत गाडरवारा रेलवे स्टेशन के पास लगे ट्रांसफार्मर के ऊपर 11 हजार केवी की बुकिंग का तार जल गया था। जिस पर कार्यपालन अभियंता ने बिजली बंद करवाकर विद्युत कर्मी सहायक लाइनमैन ददन तिवारी उम्र 61 वर्ष को कार्य का जिम्मा सौंपा।
लाइनमैन डीपी के ऊपर पोल में झूला लगाकर तारों को जोड़ रहा था, उसी दौरान झूले की रस्सी टूटने से वह लगभग 8 फीट की ऊंचाई से नीचे कमर के बल जमीन पर आ गिरा और झूले का हुक पोल में ही लगा रह गया। लाइनमैन के नीचे गिरने पर सहयोगियों के द्वारा तत्काल गाडरवारा के सरकारी हॉस्पिटल में ले जाकर प्राथमिक उपचार कराया गया। लेकिन वहां आराम ना लगने की वजह से जबलपुर रेफर कर दिया गया।
लाइनमैन को जबलपुर लाकर निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कर दिया गया। विद्युत कर्मी की रीढ़ की हड्डी में फैक्चर होने उसके दोनों पैर बेजान हो गए हैं। संघ के संघ के रमेश रजक, केएन लोखंडे, एसके मौर्या, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, इंद्रपाल सिंह, अरुण मालवीय, उत्तम पटेल, सुरेंद्र मिश्रा, विनय सिंह ठाकुर, राजेश यादव, आजाद, दशरथ शर्मा, मदन पटेल आदि के द्वारा विद्युत कर्मी के इलाज के लिए पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से तत्काल सहायता राशि प्रदान करने की मांग की गई है।