मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विश्वव्यापी आपदा के चलते देश, प्रदेश तथा शहर में त्राहिमाम मचा हुआ है। आमजन के साथ-साथ कर्मचारी एवं उनका परिवार भी कोरोना संक्रमण से नहीं बच पा रहा है, प्रत्येक परिवार से कोई न कोई अस्पताल अथवा घर पर इलाजरत है, जिसमें लाखों का खर्च आ रहा है।
प्रायः यह देखने में आया है कि राज्य कर्मचारियों के वेतन का भुगतान आहरण संवितरण अधिकारियों की लापरवाही व तानाशाही के चलते माह की 10 से 15 तारीख तक हो पाता है, इसमे कोषालय का अडंगा भी शामिल होता है। उनके द्वारा वेतन देयकों में अनावश्यक आपत्ति दर्ज की जाती है, यदि संक्रमण के दौर में भी वेतन आहरण में विलंब होता है, तो कर्मचारियों को कठिनाईयों का सामना करना पडेगा।
संघ के अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, नन्दु चंसोरिया, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, गोविन्द विल्थरे, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, रजनीश तिवारी, डी.डी. गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, अजय दुबे, चन्दु जाउलकर,के.के. तिवारी, अरूण दुबे, आर.के. गुलाटी, तरूण पंचौली, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, श्यामनारायण तिवारी, मनोज सेन, मनीष लोहिया, राकेश उपाध्याय, संतोष तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला आदि ने जबलपुर कलेक्टर से मांग की है कि जिले के सभी आहरण संवितरण अधिकारी एवं कोषालय अधिकारियों को यह निर्देश दिये जाएं कि कर्मचारियों का वेतन माह की पहली तारिख तक कराया जाना सुनिश्चित हो।