मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि वर्ष 2024 में ऊर्जा क्षेत्र में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने अनेक ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की है। एमपी ट्रांसको ने कैलेंडर वर्ष 2024 में प्रदेश के ट्रांसमिशन नेटवर्क (पारेषण प्रणाली) के अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण, विस्तारीकरण एवं विश्वसनीयता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अनेक नए आयाम स्थापित किए।
ट्रांसर्फोमेशन कैपसिटी हुई 80000 एमवीए से ज्यादा
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष एमपी ट्रांसको ने अपने नेटवर्क में 1729 एमवीए क्षमता की अतिरिक्त वृद्धि की, जिससे प्रदेश में कुल ट्रांसर्फोमेशन क्षमता बढ़कर 80774 एमवीए हो गई है। इस वर्ष 47 नये पावर ट्रांसफार्मर स्थापित कर ऊर्जीकृत किये गये जिससे एमपी ट्रांसको के ऊर्जीकृत पावर ट्रांसफार्मर की संख्या बढकर 1023 हो गई है, जिसमें 400 केवी के 37,220 केवी 215 एवं 132 केवी के 771 ट्रांसफार्मर क्रियाशील है।
176 सर्किट किमी लाइनों का हुआ निर्माण
इस वर्ष मध्यप्रदेश पवार ट्रांसमिशन लाइनों की लंबाई बढ़कर 42133 सर्किट किमी की हो गई है, जो प्रदेश के 416 अति उच्चदाब सब-स्टेशनों में विद्युत पारेषण करती है। इस वर्ष प्रदेश में 176 सर्किट किलोमीटर लाइनों का निर्माण कर ऊर्जीकृत किया गया।
पहली बार 18000 मेगावाट से ऊपर की डिमांड को किया हैंडल
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि एमपी ट्रांसको के सिस्टम ने प्रदेश में पहली बार 18000 मेगावाट से ऊपर विद्युत डिमांड बिना किसी व्यवधान के हैंडल करने में सफलता प्राप्त की। 20 दिसम्बर 2024 को प्रदेश में आज तक की अधिकतम 18913 मेगावाट डिमांड दर्ज की गई। इसी तरह प्रदेश में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एक दिन में 3368.56 लाख यूनिट विद्युत खपत की सफलतापूर्वक आपूर्ति करते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।
ट्रांसमिशन सिस्टम में नई टेक्नोलॉजी का हुआ समावेश
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने प्रदेश के अपने ट्रांसमिशन सिस्टम में नई तकनीकों का समावेश करते हुये सिस्टम को अपग्रेड किया। विभिन्न ट्रांसमिशन एलीमेंटस को एचएमआई (हयूमन मशीन इंटरफेस) तकनीक से ऊर्जीकृत और नियंत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के पुराने तीन 132 केवी सब-स्टेशनों को रिमोट से संचालित करने का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।
400 व 132 केवी लाइनों की भी होगी ड्रोन पेट्रोलिंग
220 केवी ट्रांसमिशन लाइनों की ड्रोन पेट्रोलिंग में मिली सफलता के बाद अब प्रदेश में 400 एवं 132 केवी के 23000 ट्रांसमिशन टावरों की ड्रोन पेट्रोलिंग भी की जा रही है। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने ट्रांसमिशन टावरों की पेट्रोलियम ड्रोन के माध्यम से प्रारंभ की है।
पेंशनर्स को आनलाइन सुविधा
एमपी ट्रांसको ने अपने पेंशनर्स के लिये वेबसाइट के माध्यम से कई सुविधाएं ऑनलाइन करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। अब एमपी ट्रांसको के सेवानिवृत्त कार्मिक विश्व के किसी भी कोने से लाईफ सर्टिफिकेट अपलोड कर सकते है। साथ ही वेबसाइट के माध्यम से ही अपने पेंशन स्लिप और अपने बैंक खातों में किये गये लेन-देन की जानकारी ली जा सकती है।
2024 में एमपी ट्रांसको ने ऑनलाइन वेबिनारों और नॉलेज शेयरिंग कार्यशालाओं के माध्यम से ट्रांसको के युवा इंजीनियरों को अपडेट करने का एक सफल अभियान चलाया। जिसके कारण एमपी ट्रांसको के वर्क कल्चर में महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव आया है।