मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 1 जनवरी 2022 से मंहगाई भत्ते में बढोतरी करते हुए 34 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 31 प्रतिशत ही मंहगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है, जो केन्द्रीय कर्मचारियों से 3 प्रतिशत कम है।
इससे पूर्व 1 अप्रैल 2022 में दिये गये 11 प्रतिशत मंहगाई भत्ते में पिछली तिथि के एरियर्स राशि का कोई उल्लेख नहीं किया है, जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। जबकि राज्य के कर्मचारी शासन से यह अपेक्षा कर रहे थे कि केन्द्र शासन द्वारा घोषित तिथियों से ही राज्य कर्मचारी को बढे हुए डीए का एरियर्स सहित भुगतान किया जावेगा।
संघ के योगेन्द्र दुबे, जवाहर केवट, नरेन्द्र सेन, संजय पटैल, रमाकांत पटैल, राजेन्द्र खरे, अरविन्द पाठक, कमलेश व्यास, इन्द्र कुमार मिश्रा, मुकेश धनगर, राजभान हलदकार, नितिन अग्रवाल, मनोज सेन, गगन चौबे, नितिन शर्मा, राकेश उपाध्याय, संजय श्रीवास्तव, आदित्य दीक्षित, मो. तारिक, धीरेंद्र सोनी, श्यामनारायण तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, पवन ताम्रकार, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी, संतोष तिवारी, शुभसंदेश सिंगौर, विनय नामदेव, विष्णु पाण्डे आदि ने मुख्यमंत्री मंत्री से मांग की है कि राज्य कर्मचारियों को केन्द्र के समान 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ता तथा केन्द्र सरकार द्वारा घोषित तिथि से एरियर्स राशि का भुगतान किया जावे।