एमपी विद्युत मंडल अभियान संघ ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कम आय वाले विद्युत बकायादारों के लिए शुरू की गई समाधान योजना के अंतर्गत विद्युत अधिनियम 2003 के विभिन्न प्रावधानों का हवाला देते हुए विद्युत वितरण कंपनियों को अग्रिम सब्सिडी दिए जाने की मांग की है।
अभियंता संघ के महासचिव व्हीकेएस परिहार ने अपने पत्र में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 1 किलोवाट तक कनेक्टेड लोड वाले घरेलू उपभोक्ताओं के आस्थगित बिजली बिलों की बकाया राशि मे राहत प्रदान करने के लिए समाधान योजना शुरू की गई है। इस योजना में राज्य सरकार ने घोषणा की है कि डिस्कॉम को छूट की राशि का 50% विलंबित भुगतान अधिभार की 100% राशि के साथ वहन करना होगा।
उन्होंने कहा कि कानूनी स्थिति की पृष्ठभूमि में नकद घाटा डिस्कॉम माफ की गई राशि का 50% वहन करने की स्थिति में नहीं है, जिसे राज्य नियामक आयोग द्वारा अनिवार्य ऊर्जा शुल्क के रूप में वसूल किया जाना है। साथ ही डिस्कॉम ऐसे उपभोक्ताओं की माफ की गई राशि को वहन नहीं कर सकता, क्योंकि विद्युत अधिनियम 2003 और सैड रेगुलेशन्स 2007 राज्य सरकार या डिस्कॉम को ऐसा करने की अनुमति नहीं देता है।
व्हीकेएस परिहार ने कहा कि यदि राज्य सरकार घरेलू उपभोक्ता के ऐसे समूह की मदद करना चाहती है, तो उसे विद्युत अधिनियम 2003 और सैड रेगुलेशन्स 2007 की धारा 65 में निहित प्रावधानों के अनुसार कार्य करना चाहिए और छूट में दी जा रही इस राशि की प्रतिपूर्ति डिस्कॉम को अग्रिम सब्सिडी के रूप में करनी चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि व्यापक जनहित में और न्याय के हित में आप इस मामले में हस्तक्षेप कर संबंधित अधिकारियों को तय कानूनी सिद्धांत का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और डिस्कॉम को बचाने के लिए सब्सिडी की इस राशि की प्रतिपूर्ति करने का निर्देश दें।