मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों में 45 साल की उम्र वाले ठेका श्रमिकों यथाशीघ्र नौकरी से निकाले जाने की बात कही जा रही है।
उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में ये बात आई है कि मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्तीय कंपनियों के प्रबंधन एवं ठेकेदार के बीच ऐसा अनुबंध किया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई अनुबंध किया गया है तो, तकनीकी कर्मचारी संघ उसका तीव्र विरोध करता है। ठेका श्रमिक को 21 वर्ष की उम्र में रखा गया और 45 साल की उम्र समाप्त होते ही उसे निकाल दिया जायेगा। ऐसे में तो ठेका श्रमिक ने सिर्फ 25 साल ही ठेका कंपनी में कार्य कर पायेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसा तो मिलिट्री में होता है। वर्ष 2000 के बाद लगातार तकनीकी कर्मचारी सेवानिवृत होते गए, इन 20 वर्षों में कर्मचारियों की अत्यधिक कमी होने से कम्पनी प्रबंधन के द्वारा नियमित कर्मचारियों की बजाए संविदा कर्मचारी लगभग 8 हजार भर्ती किए गए और स्थिति गंभीर होने से कम्पनी प्रबंधकों के द्वारा ठेकेदार के द्वारा सभी कम्पनियों में ठेका श्रमिक लगभग 30 हजार रख लिए गए। अब ठेका श्रमिको के साथ अन्याय और अत्याचार किया जा रहा है।
संघ के रमेश रजक, केएन लोखंडे, एसके मौर्या, जेके कोष्टा, अजय कश्यप, अरुण मालवीय, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, कमलेश नामदेव, अमीन अंसारी, पीके मिश्रा, ओपी जायसवाल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, राजेश यादव ने सभी विद्युत कंपनियों के प्रबंधन से मांग की है कि ठेका श्रमिक को 45 साल की उम्र होने पर न निकाला जाए।