मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अंतर्गत ग्वालियर में एनएबीएल परीक्षण प्रयोगशाला का भूमि-पूजन किया। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखें कि आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर पूरा मानदेय मिलें।
वहीं उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में विद्युत सामग्री जैसे ट्रांसफार्मर, कंडक्टर, केबिल, बिजली मीटर की गुणवत्ता की जाँच समय पर हो सकेगी। प्रयोगशाला की कुल लागत 5 करोड़ रूपये है। प्रयोगशाला को छ: महीने में बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि प्रयोगशाला बनने के बाद विद्युत सामग्रियों की जांच ग्वालियर में ही हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इससे अन्य प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिये दिये जाने वाले शुल्क की बचत होगी, वहीं दूसरी ओर समय पर ऑटोमेटिक परीक्षण होने से विद्युत सामग्री एवं उपकरणों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों के सभी क्षेत्रीय भंडारों में यह लेब स्थापित की जा रहीं है। मध्य क्षेत्र में भोपाल, गुना एवं ग्वालियर, पूर्व क्षेत्र में जबलपुर, सागर, सतना, छिंदवाड़ा, छतरपुर और पश्चिम क्षेत्र में इंदौर तथा उज्जैन में लेब स्थापित होगी। पहले चरण में भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में और दूसरे चरण में शेष 7 स्थानों पर लेब स्थापित की जा रहीं है। प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी लोग मिलकर विद्युत उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएँ देने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर पूरा मानदेय मिलें। इस दौरान विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।