मध्य प्रदेश के अमरकंटक में स्थित मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन का राख का बांध टूट गया है। जिससे आसपास के कई किसानों की लगभग 10 एकड़ कृषि योग्य जमीन में राख की परत जम गई है। बताया जा रहा है कि पावर स्टेशन के 2 किलोमीटर के दायरे के 13 किसानों की लगभग 10 एकड़ उपजाऊ भूमि में राख की सफेद परत बिछी हुई है।
जानकारी के अनुसार अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन में शुक्रवार की सुबह 4:10 बजे ग्राम केल्हौरी स्थित राख के बांध का किनारा टूट गया। लगभग 7,00,000 क्यूबिक मीटर पानी भराव की क्षमता वाले इस बांध से लाखों क्यूबिक राख मिश्रित पानी बह गया। सुबह गेट टूटने की जानकारी पंप हाउस व चौकीदार द्वारा संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी। दोपहर को मुरूम व मिट्टी से भरने का कार्य किया गया, लेकिन तब तक बांध का लाखों क्यूबिक राख मिश्रित पानी किसानों के खेतों में जमा हो गया। इससे पावर स्टेशन के आसपास के केल्हौरी, बरगवां, देवरी सहित करीब आधा दर्जन गांव प्रभावित हुए हैं।
जहां एक ओर किसानों ने सोन नदी के पानी के पूरी तरह से प्रदूषित होने की बात कहते हुए कार्रवाई की मांग की हैं। वहीं अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन के प्रबंधन ने भी इस मामले की जांच कराने की बात कही हैं। पटवारी द्वारा प्रभावित किसानों व खेतों का निरीक्षण किया जा रहा हैं। बताया जा रहा है कि घटना की जांच के लिए आईआईटी कानपुर से विशेषज्ञों की टीम भी आ रही है। जो कारणों का पता लगायेगी। वहीं प्रदूषण नियंत्रण विभाग शहडोल की टीम ने इसका सर्वे ड्रोन से किया है। शनिवार को खेतों से राख हटाई जाएगी। आकलन कर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन की 210 मेगावाट की क्षमता वाली इकाई में प्रतिदिन 3500 से 4000 टन कोयले की खपत होती है। इतनी मात्रा में कोयले के दहन के बाद राख पानी के साथ बहाकर इसी बांध में एकत्रित की जाती है।