मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली कंपनी में नियमित लाइनमैनों की कमी से समय पर विद्युत सिस्टम का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है, जिससे विद्युत उपभोक्ता भी पावर कट से परेशान हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि नियमित कर्मचारियों की कमी साथ ही मौजूदा कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण भी नहीं हो पा रहा है, जिससे कर्मी तनावग्रस्त हो रहे हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि इसी तारतम्य में जबलपुर सिटी सर्किल के पश्चिम संभाग के कार्यपालन अभियंता सुनील सिन्हा से तकनीकी कर्मचारियों की लंबित समस्याओं पर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान तकनीकी कर्मचारियों के पास सुरक्षा उपकरण, टूल बैग की कमी, 2 लीटर पानी की बॉटल, वर्दी खरीदने के लिए कर्मी को पैसे दिए जाने, एक्स्ट्रा वेजेस, नाइट अलाउंस के पैसे वेतन में जोड़कर दिए जाने, घर के अंदर लगे मीटर को बाहर लगाए जाने, अवकाश के दिनों में तकनीकी कर्मचारियों को बुलाकर कार्य कराने पर दुगनी दर से वेतन दिए जाने की मांग की गई।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा एचटी एवं एलटी लाइनों का अत्यधिक विस्तार होने से 20 वर्षों में उपभोक्ता की संख्या दुगनी बढ़ गई है। आज की स्थिति में पश्चिम संभाग में उपभोक्ताओं की संख्या 58 हजार के करीब हो गई है। साथ ही ट्रांसफार्मर की संख्या 800 से अधिक हो गई है, 33*11 केवी सब-स्टेशनों की संख्या 7 हो गई है। इन सभी सिस्टम्स के मेंटेनेंस के लिए नियमित कर्मचारियों की अति आवश्यकता होती है, मगर पूर्व क्षेत्र कंपनी के द्वारा आउटसोर्स कर्मियों से ये कार्य कराया जा रहा है, जबकि उनको जोखिम का कार्य कराने का अधिकार नहीं है।
चर्चा के दौरान संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, अजय कश्यप, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, शशि उपाध्याय, अरुण मालवीय, विनोद दास, राजू नायडू, वीरेंद्र रोहिताश आदि उपस्थित रहे। कार्यपालन अभियंता के साथ सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें नियमित कर्मियों की अत्यधिक कमी होने पर कहा गया कि इस पर कंपनी प्रबंधन को विचार करना होगा। वहीं अन्य मांगें शीघ्र पूरी की आयेंगी, ऐसा आश्वासन कार्यपालन अभियंता के द्वारा दिया गया।