हमारे पूर्वजों ने त्योहार और उत्सव की व्यवस्था उत्साह बढ़ाने के लिए की थी, ताकि मनुष्य जीवन की आपाधापी के बीच कुछ समय आनंद में व्यतीत करे और उसके मन में एक नई उमंग उत्पन्न हो, ताकि वह आने वाले दिनों में और बेहतर कार्य कर सके। लेकिन कुछ लोग इतने स्वार्थी होते हैं, जो नहीं चाहते दूसरे आनंदित हों, यही कारण है कि ऐसे लोग दूसरे के लिए व्यवधान पैदा कर देते हैं।
ऐसी ही फितरत लेकर मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में ठेका कंपनियां कार्य कर रही है। ये ठेका कंपनियां अपने ही कर्मचारियों का जमकर शोषण कर रही हैं। यहां तक कि प्रमुख त्यौहारों में भी आउटसोर्स कर्मियों का वेतन रोककर उन्हें खून के आंसू रोने के लिए विवश कर रही हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर रीजन के अंतर्गत जबलपुर ओएंडएम सर्किल में आउटसोर्सिंग का कार्य कर रही ठेका कंपनी क्रिस्टल ने अभी तक दो डिवीजनों के आउटसोर्स कर्मियों को वेतन नहीं दिया है। जबकि हिंदुओ के प्रमुख त्योहारों में से एक शारदीय नवरात्रि भी लगभग बीत चुकी है, जबकि आउटसोर्स कर्मियों को हर महीने की 7 तारीख तक वेतन दिए जाने का नियम है।
आउटसोर्स कर्मियों को वेतन नहीं मिलने से जहां उनके त्योहार का उत्साह फीका पड़ गया, वहीं उनके मन में देश के मुख्य त्योहार दीपावली पर वेतन मिलने को लेकर भी संशय उत्पन्न हो गया है। यहां गौर करने वाली बात है कि आउटसोर्स कर्मियों से कार्य कराने वाले विद्युत अधिकारी भी ठेका कंपनी के पक्ष में ही खड़े नजर आते हैं।
मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि वैसे पूरे महीने कार्य कराने के बाद समय पर वेतन नहीं देना श्रम नियमों का उल्लंघन है। वहीं इस महीने और आने वाले महीने में अनेक त्योहार हैं। ऐसे में आउटसोर्स कर्मियों का वेतन रोक देना गलत है। सोचने वाली बात है कि बिना वेतन कर्मचारी त्योहार कैसे मनाएंगे।
उन्होंने विद्युत कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि ठेका कंपनी क्रिस्टल को तत्काल आदेश देकरआउटसोर्स कर्मियों के वेतन का भुगतान कराया जाए, साथ ही आउटसोर्स कर्मियों को अक्टूबर का वेतन दीपावली के पहले दिया जाए। ताकि वे भी अपने परिवार के साथ त्योहार मना सकें।