आखिरकार ज़िन्दगी की जंग हार गया विद्युत आउटसोर्स कर्मी, इलाज के लिए बिक गई जमीन

मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर ग्रामीण सर्किल के अंतर्गत पाटन संभाग के बेलखेड़ा डीसी में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत आउटसोर्स कर्मी शिव लाल यादव आखिरकार ज़िन्दगी की जंग हार गया। आउटसोर्स कर्मी के इलाज के लिए जहां परिजनों ने अपनी जमीन बेच दी, वहीं असंवेदनशील और अमानवीय विद्युत कंपनी प्रबंधन और ठेका कंपनी के मालिकों ने आउटसोर्स कर्मी की सुध तक नहीं ली।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 11 जनवरी 2022 को जबलपुर ग्रामीण सर्किल के पाटन संभाग के अंतर्गत बेलखेड़ा डीसी में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत आउटसोर्स कर्मी शिव लाल यादव के ऊपर ड्यूटी के दौरान 11 केवी का तार टूटकर गिर गया था, जी की वजह से कर्मी करंट से लगभग 70% जल गया था। 

इस हादसे के बाद उसके सहयोगी साथियों ने उसे तत्काल मेडिकल में भर्ती कर दिया था, लेकिन वहां आराम नहीं लगने पर उसे जबलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। फिर उसके बाद नागपुर में भर्ती किया, फिर उसके बाद बेतूल में भर्ती किया गया। यहां भी आराम ना लगने की वजह से उसको बैतूल की हॉस्पिटल से छुट्टी करा कर भोपाल एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए उसके परिजन ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आउटसोर्स कर्मी के परिवार के द्वारा उसके इलाज के लिए लगभग 10 लाख रुपया खर्च कर दिए गए। ठेका कंपनी क्रिस्टल के द्वारा उसे किसी भी प्रकार सहायता राशि नहीं दी गई है। संघ के मोहनलाल दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, जेके कोस्टा, सुरेंद्र मेश्राम, लखन सिंह राजपूत, शशि उपाध्याय, टी डेविड, ख्यालीराम, राम शंकर आदि ने मांग की गई है कि क्रिस्टल कंपनी के द्वारा उसके परिवार को 20 लाख रुपए की सहायता दी जाए।