MPPKVVCL के अधिकारी ने की टेंडर में गड़बड़ी, आउटसोर्स कर्मियों को कम मिल रहा है बोनस

एमपी की मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों की तुलना में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर, सागर, रीवा, शहडोल रीजन के करीब 10 हजार बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को बोनस नई दर की जगह पुरानी दर से दिये जाने में हुई गड़बड़ी से प्रत्येक आउटसोर्स कर्मी को 4080 रुपये कम बोनस मिल रहा है। जबकि ट्रांसमिशन कंपनी के प्रदेशभर के सभी पाँच हजार ठेका कर्मी नौ माह बीतने पर भी बोनस से वंचित हैं।

मप्र बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने आरोप लगाते हुए बताया कि पहले परम्परा अनुसार पूर्व क्षेत्र कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक (क्रय) ने नये वेजेस कोड 2019 के नियमानुसार 23 जनवरी 2021 को विधिवत टेण्डर बनाया, पर बाद में इस टेण्डर को वृत्तवार तोड़-मरोड़कर जारी कर दिया, जिससे बोनस की यह गड़बड़ी हुई।

उन्होंने बताया कि सभी सर्किलों ने टेण्डर बनाते समय बोनस की दर 8.33 प्रतिशत दर्शायी गई, पर नये वेजेस कोड 2019 के अनुसार मिनिमम बोनस राशि प्रतिमाह 923 रुपये दर्शाने की जगह पुरानी दर 583 रुपये दर्शा दी गई। इस कारण पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी के सभी 10 हजार बिजली आउटसोर्स कर्मियों को प्रतिमाह 340 रुपये कम बोनस मिल रहा है। जबकि प्रदेश की अन्य शेष दोनों विद्युत वितरण कंपनियों में 923 रुपये बोनस मिल रहा है।

इसी तरह मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी 400/220/132 केव्ही के प्रदेशभर के 417 सब-स्टेशनों, डिवीजन व वृत्त कार्यालयों में पदस्थ करीब पाँच हजार सब स्टेशन व कम्प्यूटर ऑपरेटर, सुरक्षा सैनिक व हेल्पर अब तक एक रुपया भी बोनस प्राप्त नहीं कर सके हैं। ट्रांसमीशन विंग में यह बड़ी चूक इसलिए हुई कि ट्रांसको कंपनी टेण्डर में बोनस राशि दर्शाना ही भूल गई। इस संबंध में संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने ट्रांसमीशन कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक (एचआरए) से भेंटकर उन्हें 7 जुलाई 2020 को भारत सरकार द्वारा जारी राजपत्र की प्रति सौंपी।

इस राजपत्र के पृष्ठ क्रमांक 15 में दी गई व्यवस्था के अनुसार यदि ठेकेदार धारा 26 के तहत न्यूनतम बोनस भुगतान करने में विफल व असफल हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में संबंधित संस्थान यानि बिजली कंपनी बोनस भुगतान हेतु बाध्यकारी है, इसलिए बिजली कंपनी अब ठेका कर्मियों को बोनस भुगतान करे एवं पूर्व क्षेत्र में भी कम मिल रहे बोनस की अन्तर राशि तत्काल भुगतान की जाये, अन्यथा आउटसोर्स कर्मचारी आन्दोलन हेतु विवश होंगे।