एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड की केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के तत्वावधान में रामपुर परिसर स्थित मशाल परिसर में ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण के अंतर्गत 90 बालिकाएं क्लासिकल डांस के अंतर्गत जहां कत्थक का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं, वहीं वे लोक नृत्यों की बारीकियां भी सीख रही हैं।
प्रशिक्षण शिविर के प्रतिभागी प्रशिक्षणार्थियों में नर्सरी कक्षा से ले कर कॉलेज स्तर की लड़कियां हैं, लेकिन इनकी नृत्य के प्रति सीखने की लगन व मेहनत एक सी है। केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के महासचिव राजीव गुप्ता, सचिव खेल अनिल कुमार अलंग एवं कार्यालय सचिव आलोक श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण शिविर में पहुंच कर प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन किया।
प्रशिक्षण शिविर के प्रशिक्षक विश्वनाथ धारगे और उनकी सहायिका महिमा पटेल, गुरमीत मथारू, रीतू रजक, छाया पटेल, याशिका पटेल सुबह के सत्र में प्रतिभागियों को कत्थक की प्रारंभिक शुरूआत के तत्कार तोड़े से ताल व लय की बारीकियां सिखाते हैं। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को कत्थक की विभिन्न मुद्राओं का अभ्यास विशेष रूप से करवाया जा रहा है। प्रत्येक दिन दूसरे चरण में प्रतिभागियों को भारतीय लोक नृत्य शैली के अंतर्गत बुंदेली, छत्तीसगढ़ी और राजस्थानी नृत्य का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
नृत्य प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को तत्कार हस्त मुद्राएं (संयुक्त व असंयुक्त) ग्रीवा भेद, अंग संचालन, शास्त्रीय व उप-शास्त्रीय, गैर शास्त्रीय, लोक नृत्यों की विशेषताएं एवं सिखलाई जा रही हैं। नृत्य प्रशिक्षण की शुरूआत में प्रशिक्षणर्थियों को योग व व्यायाम के माध्यम से फिजीकल फिटनेस का मंत्र भी दिया जा रहा है।
शिविर के प्रशिक्षक विश्वनाथ धारगे प्रतिभागियों की लगन, समर्पण व मेहनत से उत्साहित व अभिभूत हैं। वे कहते हैं कि प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर तरंग प्रेक्षागृह में आयोजित होने वाले समारोह में नृत्यों की विशेष प्रस्तुति दी जाएगी। शिविर की नन्हीं प्रतिभागी भी दर्शकों व परिजनों के समक्ष नृत्य की प्रस्तुतियों को ले कर रोमांचित हैं और वे कहती हैं कि उनकी प्रस्तुति को देख कोई यह नहीं कह सकेगा कि उन्होंने इतने कम समय में शास्त्रीय के साथ लोक नृत्यों में इतनी महारत कैसे हासिल कर ली।