एमपी के सरकारी स्कूल बने बारात घर: अवैध कब्ज़ों की भरमार से अफसर बने अनजान

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे ने बताया है कि जिला शिक्षा अधिकारी के निकम्मेपन के कारण सरकारी स्कूल बारात घर बने हुए है। स्कूल प्रांगण में शामियाना तने हुये है, केटरिंग का सामान कमरों में रखा है। अवैध कब्जाधारियों द्वारा पहले से ही स्कूलों की जमीने हड़पी जा चुकी हैं। स्कूलों के कमरों, ग्राउंड, टॉयलेट, पीने के पानी और नलों में शादी करने वालों ने बिना अनुमतियों के ही अवैध कब्जे कर रखे है। सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि स्कूलों को बारात घर ना बनने दिया जावे। सरकारी आदेश को ठेंगा दिखा कर जिला शिक्षा अधिकारी कोई रोक नहीं लगा पा रहे है। खुले आम सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग किआ जा रहा है।

शादियों एवं बारातों के आयोजन के पश्चात गंदगी के कारण स्कूलों का संचालन भी परेशानी वाला हो रहा है। अवैध कब्जों के कारण स्कूलों की बाउंड्रीवॉल, गेट, कमरे पहले से ही खराब हैं। टेंटों के समान, पान-गुटकों की दुकान और फुल्की-चाट की दुकानों ने बच्चों को भारी परेशान कर रखा है। मनचलो की भरमार दुकानों में हमेशा बनी रहती है। जिस कारण छात्राओं को स्कूल जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, संजय गुजराल, रविकांत दहायत, अजय दुबे, नरेश शुक्ला, प्रशांत सोंधिया, संतोष मिश्रा, योगेश चौधरी, राजेन्द्र तेकाम, विश्वदीप पटेरिया, मुकेश चतुर्वेदी, देव दोनेरिया, एसके बांदिल, धीरेंद्र सिंह, मुकेश मराकाम, प्रदीप पटेल, योगेन्द्र मिश्रा, मुकेश सिंह, गोविंद विल्थरे, मुन्ना यादव, नरेंद्र दुबे, पीएल गौतम, मनोज खन्ना, चंदू जाऊलकर, मंसूर बेग, एके प्यासी ने सरकारी स्कूलों में हो रहे आयोजनों पर तत्काल रोक लगाने की माँग की है।