एमपी अजब है, सबसे ग़ज़ब है, इसी स्लोगन की तर्ज पर मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियां भी ग़ज़ब है और अपनी कार्यप्रणाली से हमेशा सुर्खियों में बनी रहती है। कोरोनो काल में मौतों का बंटवारा करने वाली विद्युत वितरण कंपनी का नया कारनामा चर्चा में है।
बताया जा रहा है कि विद्युत वितरण कंपनी में लाइन कर्मियों की बेतहाशा कमी को देखते हुए कंपनी प्रबंधन एक तरफ तो सेवानिवृत्त हो चुके लाइन कर्मियों को पोल पर चढ़कर करंट का कार्य करने के लिए दोबारा नौकरी पर रख रहा है, वहीं दूसरी तरफ कंपनी में कार्य कर रहे युवा आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाला जा रहा है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जमीनी अधिकारी अपने चहेते तकनीकी कर्मचारी जो 62 वर्ष की नौकरी कर सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उन्हें फिर से रखकर कार्य करा रहे हैं, इसके लिए उन्हें कंपनी प्रबंधन का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर युवा आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाला जा रहा है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कुछ जमीनी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सेवानिवृत्त कर्मियों के बच्चों के सर्टिफिकेट लगाकर सेवानिवृत्त कर्मियों से कार्य करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमीनी अधिकारियों से संघ ने अनेक बार कहा है कि कोरोनो काल में अनेक विद्युत कर्मियों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है एवं अनेक कर्मियों की मृत्यु हो चुकी है।
वहीं उम्रदराज कर्मियों को कोरोनो संक्रमण का ज्यादा खतरा है। वहीं सेवानिवृत्त कर्मियों से जोखिम का कार्य कराने से कभी भी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। अगर करंट का कार्य करने के दौरान सेवानिवृत्त कर्मियों के साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो इसका जवाबदार कौन होगा। वहीं दूसरी ओर जमीनी अधिकारी आउटसोर्स कर्मी, जिनकी उम्र 45 साल से ज्यादा हो गई है, उनको नौकरी से निकाल रहे हैं।
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, राजकुमार सैनी, मोहन दुबे, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, सुरेंद्र मेश्राम, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, डेविड, ख्याली राम, राम शंकर, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, जगदीश मेहरा, राज कुमार धुर्वे, राम आश्रय, मणिराम झारिया, बीएल पटेल, लखन पटेल, महेंद्र पटेल, ददन तिवारी, रामकृपाल चौधरी, लोकल सिंह, गंगा प्रसाद वर्मा आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि सेवानिवृत्त तकनीकी कर्मियों की जान के साथ खिलवाड़ ना किया जाये। साथ ही गलत सर्टिफिकेट लगाकर कार्य कराने वाले अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही की जाये और युवा आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से न निकाला जाए।