मध्य प्रदेश के जनसम्पर्क एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने गुरूवार को रीवा में पंडित शंभुनाथ शुक्ल स्मृति समारोह तथा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। जनसम्पर्क मंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार विजयदत्त श्रीधर एवं शंभुनाथ शुक्ल को पंडित चन्द्रकांत शुक्ल राष्ट्रीय पत्रकारिता अलंकरण से विभूषित किया।
समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में सेवाओं के लिए मेडिकल कालेज के डीन डॉ मनोज इंदुरकर, मान सिंह, विक्रम सिंह, श्री प्रहलाद सिंह, अधीक्षण यंत्री विद्युत मण्डल आईके त्रिपाठी तथा डॉ विनोद श्रीवास्तव को नागरिक सम्मान गया।
कवि सम्मेलन से पूर्व पंडित शंभूनाथ शुक्ल की स्मृति में ‘आजादी के अमृत काल के बाद की पत्रकारिता’ विषय पर विचार संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार रखे। पद्मश्री सम्मानित विजयदत्त श्रीधर ने पंडित शंभुनाथ शुक्ल को राजनेता तथा पत्रकार के रूप में याद किया।
उन्होंने कहा कि जन सरोकार के बिना पत्रकारिता और साहित्य रचना व्यर्थ है। आजादी की लड़ाई में समाचार पत्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आज पत्रकारिता को बड़े मीडिया घरानों से मुक्त कराने की आवश्यकता है।
वरिष्ठ पत्रकार श्री शंभुनाथ शुक्ल ने कहा कि बंगाल विभाजन से लेकर देश की आजादी तक की पत्रकारिता मुख्य रूप से अंग्रेजों का विरोध करने के लिए थी। आजादी के बाद देश के विकास और सरकार तथा प्रशासन की कमियों पर पत्रकारिता केन्द्रित हुई।
सोशल मीडिया में बिना संपादक और बिना जिम्मेदारी की पत्रकारिता ने पूरा वातावरण बदल दिया है। इससे बचना जरूरी है। पत्रकार अब स्वयं सब तय कर निर्णय दे रहे हैं। लोगों से जुड़ाव बहुत कम हो गया है। समारोह का संचालन करते हुए पत्रकार जयराम शुक्ल ने पत्रकारिता तथा पंडित शंभुनाथ शुक्ल एवं पंडित चन्द्रकांत शुक्ल के रोचक संस्मरण सुनाए।