मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति बिजली की उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार मध्यप्रदेश की विद्युत क्षमता वर्ष 2003 में 5173 मेगावाट से लगभग 5 गुना से अधिक बढ़ते हुए वर्ष 2022 में 28000 मेगावाट से अधिक हो गई है। विगत एक दशक में ही प्रदेश में प्रति व्यक्ति बिजली की उपलब्धता में लगभग 207 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रति व्यक्ति बिजली की उपलब्धता वर्ष 2012 में 570.2 KWH से बढ़कर वर्ष 2022 में 1184.9 KWH हो गई है।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए दूरगामी लक्ष्य तय किए गये हैं। अक्षय ऊर्जा राज्य की अनेक प्रतिबद्धताएं में से एक हैं। वर्ष 2030 तक ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत अक्षय एवं हरित ऊर्जा से प्राप्त हो इसके लिए अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र और अक्षय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने, बिजली व्यापार बढ़ाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नवकरणीय ऊर्जा नीति 2022 लागू की गई है।
ओंकारेश्वर में 3 हज़ार 50 करोड़ रुपये के निवेश से 600 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट पर कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2027 तक नवकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 20 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य है।