भोपाल (हि.स.)। राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में उत्तरी हवाओं की वजह से सर्दी का असर तेज हो गया है। पिछले एक सप्ताह से राजधानी भोपाल में धुंध छा रही है। सुबह के समय धुंध का असर तेज रहता है। दूसरी ओर, प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल में भी कोहरा छा रहा है। भोपाल में रात का तापमान 8.8 डिग्री पर पहुंच गया। जो नवंबर में 36 साल बाद सबसे कम है। इससे पहले 1988 में नवंबर में रात का सबसे कम तापमान 7.5 डिग्री दर्ज किया गया था।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तर से बर्फीली हवा का सबसे ज्यादा असर भोपाल संभाग और उसके आसपास हो रहा है। वहीं, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन में भी तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक नीचे लुढ़क गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 3 दिन प्रदेश में कड़ाके की ठंड रहेगी। उनका कहना है कि पहाड़ों पर बर्फ पिघलने के बाद वहां से आई बर्फीली हवा से ठंड बढ़ी है। अगले दो-तीन दिन और ऐसी कड़ाके ठंड से राहत के आसार नहीं है।
इंदौर में शनिवार को दिन का तापमान 27.5 (-2) डिग्री सेल्सियस रहा। रात के तापमान में 2 डिग्री का इजाफा हुआ और तापमान 13.6 (0) डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। रविवार सुबह मौसम ठंडा रहा। धूप खिलने के साथ मौसम साफ है। उज्जैन में रविवार सुबह धूप निकलने के बाद भी हल्की ठंड होने से लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। वेधशाला में शनिवार-रविवार की रात का तापमान 12.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, पचमढ़ी में रात में टेम्प्रेचर 6.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। यह प्रदेश में सबसे कम रहा। शुक्रवार-शनिवार की रात में मंडला में 7.4 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.6 डिग्री, अनूपपुर के अमरकंटक में 7.7 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 8.2 डिग्री, उमरिया में 8.9 डिग्री, राजगढ़ में 9.2 डिग्री, नौगांव में 9.5 डिग्री दर्ज किया गया।
इसी तरह रायसेन जिले में 10 डिग्री, छिंदवाड़ा में 10.6 डिग्री, गुना-खरगोन में 11 डिग्री, रीवा-टीकमगढ़ में 11.2 डिग्री, खंडवा-रीवा में 11.4 डिग्री, सतना में 11.5 डिग्री, बैतूल में 11.7 डिग्री रहा। सिवनी-सीधी में 12.2 डिग्री, दमोह-खजुराहो में 12.4 डिग्री, रतलाम में 12.5 डिग्री और नरसिंहपुर में 12.6 डिग्री दर्ज किया गया। शनिवार को दिन में भी ठंड का असर देखने को मिला। कई शहरों में पारा 28 डिग्री से कम रहा। मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन के रूप में उत्तरी हिस्से में एक्टिव है। पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। वहीं, उत्तरी हवाएं भी प्रदेश में आ रही है। इस कारण तेज ठंड है।