मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि मध्यप्रदेश शासन मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अनुसार प्रत्येक विभाग प्रमुख को अपने जिलों में प्रत्येक माह के मंगलवार के दिन जनसुनवाई आयोजित करनी है, परंतु अनेक विभाग प्रमुखों द्वारा अपने कार्यालयों में जनसुनवाई आयोजित न कर शासन के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। कोषालय, वन, पीडब्लूडी, शिक्षा,स्वास्थ, आईटीआई, प्राधिकरण, जल संसाधन, हिरन विभाग, आरटीओ में जनसुनवाई न होने से हजारों प्रकरण पेंडिंग पड़े हैं।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने कहा कि जनसुनवाई में अनेक समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से हो जाता है, शासन की मंशा पर अधिकारी पानी फेर रहे है, जिलों में मात्र कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में नियमानुसार जनसुनवाई आयोजित कर समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है, नगर निगम में भी मनमाफिक जनसुनवाई की औपचारिकताएं पूरी की जा रहीं है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, संजय गुजराल ने रोष व्यक्त कर कहा है कि जनसुनवाई से अनेक समस्याओं का निदान तत्काल किया जा सकता है, परंतु अफसरशाही में मदहोश अनेक विभाग प्रमुख मध्यप्रदेश शासन के आदेश को जनहित का आदेश नहीं बनने दे रहे हैं। इससे यहां समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है, वहीं मध्यप्रदेश शासन की अनेक जन हितैषी नीतियों का जनता को फायदा नहीं मिल पा रहा है। इसलिए जन सुनवाई आयोजित नहीं करने वाले विभाग प्रमुखों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, जिससे समस्त विभाग प्रमुख अपने कार्यालयों में जनसुनवाई की बैठक मंगलवार के दिन आयोजित करें।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मनोज सैन, मंसूर बेग, योगेश चौधरी, देव दोनेरिया, रविकांत दहायत, प्रशांत सोंधिया, धीरेंद्र सिंह, आशुतोष तिवारी, मुकेश मरकाम, योगेंद्र मिश्रा, सतीस उपाध्याय,राजनीस पाण्डे, अजय दुबे, दुर्गेश पाण्डे, नरेंद्र सैन, मनोज राय, विनय नामदेव ने बैठक में निर्णय लिया है की शासन का आदेश ना मानने वाले अधिकारीयों के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।