Tuesday, November 26, 2024
Homeएमपीउपेक्षा का दंश झेलती संस्कारधानी का अफसर कर रहे अपमान: भोपाल से...

उपेक्षा का दंश झेलती संस्कारधानी का अफसर कर रहे अपमान: भोपाल से संचालित किया जा रहा जबलपुर कार्यालय

जबलपुर (लोकराग)। कौशल विकास संचालनालय का कार्यालय मध्य प्रदेश के गठन वर्ष 1956 से जबलपुर में है, लेकिन अफसर इसके कार्य भोपाल की गोविन्दपुरा आईटीआई से संचालित कर रहे है। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के योगेंद्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने सवाल करते हुए पूछा है कि बार-बार जबलपुर को ही क्यों उपेक्षा का दंश झेलना पड़ता है, क्यों बार-बार संस्कारधानी का अपमान किया जाता है?

उन्होंने बताया है कि इस कार्यालय के अधिकारी 6-6 माह जबलपुर नहीं आते। संचालक, अतिरिक्त संचालक, संयुक्त संचालक के साथ ही कुछ कर्मचारियों ने जबलपुर में पद स्थापना होने पर भी भोपाल में सरकारी आवास आवंटित करवा लिए हैं, कौशल विकास संचालनालय कार्यालय से 250 शासकीय आईटीआई तथा 1500 प्राइवेट आईटीआई के कार्य संचालित होते हैं।

मूल पदस्थापना जबलपुर में होने के कारण इन अधिकारियों और कर्मचारियो का वेतन यहीं से निकल रहा है, लेकिन अगर कार्य राजधानी में कर रहे हैं। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, प्रदेश संयोजक एसबी सिंह ने बताया कि 2012 से लेखाधिकारी संयुक्त संचालक वित्त अधिकारियों एवं अन्य स्टाफ द्वारा जबलपुर से भोपाल आने जाने के नाम पर करोड़ों रुपये का टीए, डीए बिल निकाला जा चुका है।

मध्य प्रदेश के गठन वर्ष 1956 से 4 प्रदेश स्तर के मुख्यालय जैसे मध्य प्रदेश विद्युत मंडल, होम गार्ड मुख्यालय, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट तथा कौशल विकास संचालनालय जबलपुर को दिये गए हैं। कौशल विकास संचालनालय मध्य प्रदेश जबलपुर में 1955 से स्थित, यह औधौगिक प्रशिक्षण संस्थाओ का प्रदेश स्तर का मुख्यालय है। इस कार्यालय के समस्त महतवपूर्ण अनुभागों जैसे परीक्षा विभाग, अफिलाशन विभाग, योजना विभाग, स्थापना अनुभाग, बजट अनुभाग तथा भारत सरकार की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, ग्लोबल स्किल पार्क, स्टीव योजना, पीपीपी योजना, मध्य प्रदेश कोशल विकास योजना, मध्य प्रदेश कोशल संवर्धन योजना को छलपूर्वक तरीके से उच्च अधिकारियों द्वारा भोपाल ले जाकर वही से काम करते है। अनाधिकृत रूप से जबलपुर कार्यालय के स्टाफ को भोपाल के कार्यालय में संलग्न किया गया है।

मोर्चा कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया है कि संचालक, अतिरिक्त संचालक, संयुक्त संचालक, रजिस्ट्रार, सचिव स्टेट बोर्ड द्वारा 2012 से जबलपुर मुख्यालय में नहीं आ रहे हैं। 2020 में कोशल विकास संचालनालय मध्य प्रदेश जबलपुर के मुख्यालय को रामपुर में 2 एकड़ शासकीय जमीन में बनाया गया था। आज पुनः रेनोवेशन कर अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किये गये, जबकि संचालक, अतिरिक्त संचालक, संयुक्त संचालक एवं अन्य 6-6 माह जबलपुर नहीं आते है।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के योगेंद्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटेरिया, संतोष मिश्रा, देव दोनेरिया, आलोक अग्मिहोत्री, मनोज सैन, रजनीश पांडे, नरेंद्र सैन, योगेंद्र मिश्रा, सतीश उपाध्याय, अजय दुबे, रवि बांगड़, मनोज राय, विनय नामदेव आदि ने कार्यालय जबलपुर में है लेकिन बिना सरकारी आदेश के अधिकारियों के द्वारा कार्य भोपाल से करने की कार्यवाही को गलत बताया है। पद स्थापना और वेतन जबलपुर में है, लेकिन शासकीय आवास भोपाल में आवंटित करवाये जाने को गलत बताते हुए कड़ी कार्यवाही करने के साथ ही जहां कार्यालय है, वहीं समस्त स्टाफ से कार्य करवाने की मांग की है।

संबंधित समाचार

ताजा खबर