मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जून माह में प्रदेश के सरकारी कमचारियों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की थी, जिसके आदेश आज तक जारी नहीं हुए हैं, जिसके चलते कर्मचारियों को जुलाई का वेतन बिना डीए के ही भुगतान कर दिया गया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 1 जनवरी 2023 से 42 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है, वहीं राज्य कर्मचारियों को वर्तमान में 38 प्रतिशत मंहगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है, जो केन्द्रीय कर्मचारियों से 4 प्रतिशत कम है।
राज्य शासन द्वारा परम्परा के विपरित मंहगाई भत्ते को घोषणा दिनांक से दिया जा रहा है जबकि पूर्व में यह मंहगाई भत्ता केन्द्र सरकार द्वारा घोषित तिथियों से ही राज्य कर्मचारियों को एरियर्स सहित प्राप्त होता था। प्रदेश के मुख्यमंत्री शासन द्वारा राज्य के कर्मचारियों को 1 जुलाई 2023 से डीए दिये जाने की घोषणा की गई थी, वह महज एक घोषणा ही बन कर रह गई। शासन के इस दोहरे मापदण्ड से प्रदेश के शासकीय, निगम, मण्डल में कार्यरत लगभग 10 लाख कर्मचारियों में भारी आक्रोश एवं निराशा व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, चन्दु जाउलकर, वीरेन्द्र तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, धनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, साहिल सिद्दीकी, प्रशांत श्रीवास्तव, गोविन्द विल्थरे, डीडी गुप्ता, रजनीश तिवारी, विपिन शर्मा, मनोज सेन, श्यामनारायण तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, महेश कोरी, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार, दीपक सोनी, संतोष तिवारी, गणेश उपाध्याय, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, अभिषेक मिश्रा, सुदेश पाण्डे, राकेश दुबे, नितिन शर्मा, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, प्रणव साहू, राकेश पाण्डे, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिश्चिती, आदित्य दीक्षित, विष्णु पाण्डे, मनोज पाटकर आदि ने प्रदेश के मुख्य सचिव से मांग की है कि मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करते हुए प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग के अधिकारियों के समान राज्य के कर्मचारियों के डीए में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए एरियर्स का नगद भुगतान किया जाये, अन्यथा की स्थिति में संघ धरना, आन्दोलन हेतु बाध्य होगा।