शासकीय कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने को लेकर लामबंद होते जा रहे हैं। विभिन्न कर्मचारी संगठन लगातार नई पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने के लिए अपने-अपने तरीके से प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रदेश मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की मांग की है।
हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि मैदानी बिजली कर्मियों के कार्य की प्रकृति जोखिमपूर्ण है। चालू विद्युत लाइन पर करंट के कार्य और विद्युत तंत्र के मेंटेनेंस के कार्य के दौरान बिजली कर्मी अपनी जान की बाजी लगाकर कार्य करता है, तब कहीं जाकर विद्युत उपभोक्ताओं और उद्योगों को 24 घंटे निर्बाध बिजली मिल पाती है।
उन्होंने कहा कि कार्य के दौरान अनेक लाइनकर्मी अपनी जान गवां चुके हैं, अनेक कर्मी जीवन भर के लिए अपंग हो चुके हैं। ऐसे जोखिमपूर्ण कार्य करने वाले बिजली कर्मियों को न केवल पुरानी गारंटीड पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए, अपितु साथ ही सभी बिजली कर्मियों का कम से कम 20 लाख रुपए का जीवन बीमा और 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में हरेंद्र श्रीवास्तव ने लिखा कि वर्ष 2004 के पश्चात् नियुक्त कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन योजना की जगह नई पेंशन योजना लागू की गई है, जो कि किसी भी मायने में कर्मचारियों के लिए हितकर नहीं है। अतः सन् 2004 के पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए, ताकि सेवानिवृत्ति उपरांत कर्मचारी आत्मसम्मान के साथ बुढ़ापे में जीवन यापन कर सकें।