भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे बुधवार को 83वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 16 अधिकारियों की टीम 38 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानव्यापी की तर्ज पर जारी सर्वे के 83वें दिन एएसआई की टीम ने प्रवेश द्वार के अंदर दक्षिण दिशा वाले ओटले को तोड़ा गया। यहां मिट्टी हटाने पर छोटे आकार के 12 पुरा-अवशेष मिले हैं। इनकी सफाई होना बाकी है। इनको लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि इन पर सनातन धर्म के प्रतीक चिह्न और आकृतियां बनी हुई हैं। इसके साथ गर्भगृह में जहां तीन दीवारें जैसी संरचना मिली थीं, उस स्थान पर आज मिट्टी भराव कार्य किया गया। वहीं, उत्तर दिशा में रखे प्राचीन स्तंभों को शिफ्ट करने का कार्य बुधवार को भी जारी रहा।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि आज भोजशाला के मुख्य द्वार के अंदर और दक्षिण एवं उत्तर की तरफ के ओटले को डिस्मेंटल कर दिया गया है। इसके साथ ही अंदर की तरफ सभी ट्रेंचो का भराव कर दिया गया है। पश्चिमी भाग और खेत में बनाई गई ट्रेंच बनाई का भी भराव किया गया है। इसके अलावा टीम ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की है।
उन्होंने बताया कि उत्तरी पश्चिमी भाग में आज मिट्टी हटाने का काम किया गया, जिसमें से छोटे 12 अवशेष प्राप्त हुए। ये अवशेष खम्बो के दीवारों के अवशेष है। उन्होंने बताया कि अभी भी कुछ स्थानों पर खुदाई कार्य करना संभव है। इन स्थलों को एएसआई ने चिह्नित कर रखा है। बारिश को देखते हुए खोदे गए स्थलों पर मिट्टी से भराव भी किया जा रहा है। चूंकि कोर्ट में एएसआई को चार जुलाई को सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। ऐसे में सर्वे को तेजी से किया जा रहा है। टीम 27 जून तक अपना सर्वे समाप्त कर लेगी।