प्रकाश का पर्व दीपावली के एक दिन पूर्व आज बुधवार की शाम माँ नर्मदा का पवित्र तट गौरीघाट दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की अगुवाई में माँ नर्मदा के भक्तगणों द्वारा यहाँ 51 हजार दीपकों से रोशनी की गई। दीपोत्सव में पर्यावरण को नुकसान न करने वाले पटाखों की आतिशबाजी और संपूर्ण आकाश को प्रकाश के इंद्रधनुषी रंगों से रोशन कर देने वाला लेजर शो कार्यक्रम के आकर्षण का मुख्य केंद्र था। विभिन्न धार्मिक गीतों की पृष्ठभूमि में संपन्न हुई आतिशबाजी इतनी भव्य थी कि गौरीघाट का सम्पूर्ण नर्मदा तट जय श्री राम के नारों और असंख्य नागरिकों की तालियों से गूंज उठा।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से आयोजित किया जा रहा यह दीपोत्सव का कार्यक्रम अब हर वर्ष मनाया जायेगा। राकेश सिंह ने अपने संबोधन में संस्कारधानी जबलपुर और प्रदेश वासियों को दीपोत्सव की बधाई दी तथा मॉं नर्मदा से प्रदेश की खुशहाली तथा नागरिकों के सुखी एवं समृद्ध जीवन की कामना की। लोक निर्माण मंत्री ने दीपोत्सव के कार्यक्रम में साधु-संतो का सम्मान कर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। कार्यक्रम को साधु-संतो ने भी अपने आशीर्वचनों से सुसिंचित किया और इस आयोजन के लिए मंत्री राकेश सिंह को बधाई दी।
संत-महात्माओं के सान्निध्य में आयोजित दीपोत्सव के इस कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के साथ राज्य सभा सदस्य श्रीमती सुमित्रा वाल्मीक, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नु, विधायक अशोक रोहाणी, सुशील कुमार तिवारी इंदु, डॉ. अभिलाष पांडे, संतोष वरकडे एवं नीरज सिंह ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती आशा मुकेश गोंटिया, नगर निगम अधयक्ष रिकुंज विज, भाजपा के जिला ग्रामीण अध्यक्ष सुभाष तिवारी रानू, अखिलेश जैन, पूर्व मंत्री शरद जैन, पूर्व महापौर सदानन्द गोडबोले, पूर्व महापौर श्रीमती स्वाति गोडबोले, कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय भी मौजूद थे।
दीपोत्सव कार्यक्रम में मौजूद साधू संतो में महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज, ज्ञानेश्वरी दीदी, स्वामी नरसिंहदास, राघवदेवाचार्य महाराज, गिरीशनंद महाराज, स्वामी मुकुंद दास, स्वामी पागलानंद, चंद्रशेखरानंद महाराज, स्वामी राम भारती महाराज, मैत्री दीदी, तरुण चौबे, अशोकानंद, चैतन्यानंद, काली नन्द, शिरोमणि दीदी शामिल रहे।
दीपोत्सव का शुभारंभ संतों द्वारा शंखध्वनि की नाद के साथ हुआ। संस्कारधानी वासियों के सहयोग से सजा कर रखे गए 51 हजार दीपकों का प्रज्वलन किया गया। स्वास्तिक, ओम, पुष्प की आकृति एवं शुभ दीपवली की आकृति में गौरीघाट तट पर जगमगा रहे दीपक मां नर्मदा के प्राकृतिक अदभुत सौंदर्य में चार चांद लगा रहे थे। माँ नर्मदा के पवित्र जल से प्रतिबिंबित हो रहे हजारों दीपकों के दिव्य प्रकाश को देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो माँ नर्मदा स्वयं चौदह वर्षों के वनवास के बाद भगवान श्री राम के अयोध्या आगमन पर दीपावली का त्यौहार आनंदित होकर मना रही हों। मॉं नर्मदा के दूसरे छोर पर गुरूद्वारे पर की गई रंगीन रोशनी भी मॉं नर्मदा के सौन्दर्य को बढ़ा रही थी।
दीपोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित पूज्यनीय संतों द्वारा ओंकार के नाद के बाद वैदिक रीति रिवाजों और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के मध्य मां नर्मदा की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान शंखों, घंटों एवं अन्य वैदिक यंत्रों का वादन भी किया गया। जिससे उत्पन्न ध्वनि माँ नर्मदा के पवित्र तट पर उपस्थित श्रद्धालुओं के हृदय में सकारात्मकता का संचार कर रही थी। माँ नर्मदा की जलधारा के बीच लगाई गई एलईडी स्क्रीन पर भी वैदिक गतिविधियों को प्रदर्शित किया जा रहा था। दीपावली की पूर्व संध्या पर आज गौरीघाट में माँ की महाआरती भी खास थी। साधु संतों सहित सभी जन प्रतिनिधि भी महाआरती में शामिल हुये और माँ नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त किया। गौरीघाट के तट पर मां नर्मदा की आरती की शुरूआत में नर्मदाष्टकम का पाठ किया गया। इस अवसर पर नर्मदा को स्वच्छ रखने की शपथ भी संस्कारधानी वासियों को दिलाई गई।