मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त विभागों में कार्यरत अमले की लिए स्वैच्छिक एवं आपसी स्थानांतरण नीति वर्ष 2023 जारी कर दी गई है।
उक्त नीति अनुसार राज्य कर्मचारियों के स्थानांतरण दिनांक 15 जून से 30 जून 2023 के मध्य प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जारी किये जा सकेंगे, किन्तु उक्त नीति शिक्षा विभाग पर लागू होगी की नहीं आसमंजस की स्थिति निर्मित है? क्यूंकि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2021 में अपनी पृथक स्थनांतरण नीति तैयार की गई थी, जिसके अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत प्राचार्य, शिक्षक, अध्यापक एवं अन्य गैर शैक्षणिक अमले के स्थानांतरण एजुकेशन पोर्टल के माध्यम से आन लाईन किये जाने का प्रावधान किया गया था।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अपनी स्थानांतरण नीति जारी न कर शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है चूंकि शिक्षक अपने स्वैच्छिक एवं आपसी स्थानांतरण की विगत कई वर्षो से राह देख रहे हैं। शासन के इस दोहरे मापदण्ड से प्रदेश के लगभग 4 लाख शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आरके परोहा, डीके नेमा, गोविन्द विल्थरे, डीडी गुप्ता, रजनीश तिवारी, राकेश राव, सत्येन्द्र ठाकुर, मनोज सिंह, विवेक तिवारी, आदि ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की है कि सामान्य प्रशासन विभाग की तर्ज पर शिक्षकों एवं गैर शैक्षणिक अमले के स्थानांतरण शिथिल किये जावे, अन्यथा संघ आन्दोलन, धरना प्रदर्शन हेतु बाध्य होगा।