मध्य प्रदेश के इंदौर में बंद बिजली लाइन में अचानक करंट आ जाने से सुधार कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मी की पोल से गिरने के कारण मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बिजली बंद करने का परमिट मिलने के बाद आउटसोर्स कर्मी बिना सुरक्षा उपकरण पोल पर चढ़कर सुधार कार्य कर रहा था। इसी दौरान लाइन में अचानक करंट आ गया, जिससे कर्मी करंट की चपेट में आ गया और पोल से सीधे जमीन पर गिर पड़ा।
करंट लगने और पोल से जमीन पर गिरने पर कर्मी को साथी कर्मियों ने तत्काल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंदौर की दिलपसंद बिल्डिंग के पास बिजली बंद होने की सूचना पर ठेका कंपनी क्यूस कार्प कंपनी के अंतर्गत कार्य करने वाला आउटसोर्स कर्मी प्रेम पुत्र रमेश कुमावत निवासी देवगुराडिया अपने अन्य साथी राकेश कुमावत, अरुण और रमेश मास्टर के साथ बिजली के 13 मीटर ऊंचे पोल का जंपर बदलने पहुंचा था।
बताया जा रहा है कि सुधार कार्य करने से पहले विद्युत कंपनी के अधिकारियों ने ग्रिड से बिजली बंद करा दी थी। सुधार कार्य के दौरान लाइन में अचानक करंट आ जाने से आउटसोर्स कर्मी प्रेम करंट की चपेट में आ गया और पोल से नीचे गिर गया और उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि प्रेम 10 साल से बिजली कंपनी में कार्यरत था। उसके परिवार में पत्नी, 11 साल का बेटा और 4 साल की बेटी है।
गीताभवन विद्युत कार्यालय के एई सत्यप्रकाश जायसवाल ने बताया कि बिजली बंद होने के लिए कर्मचारियों ने परमिट लिया था। प्रारंभिक जांच में ग्रिड से बिजली बंद होना पाई गई है, लेकिन कई बार इनवर्टर या डीसी की तरफ से लाइन में रिटर्न करंट आता है। हादसा होने का कारण इसी से सामने आया है। वहीं सुरक्षा उपकरण को लेकर टेंडर वाली कंपनी क्यूस कार्प की लापरवाही पर जांच करेंगे। वहीं क्यूस कार्प कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि उनके पास सुरक्षा के उपकरण उनके पास नहीं थे।
इस पूरे मामले में मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि पोल पर चढ़कर करंट का कार्य करने का अधिकार नियमानुसार नियमित लाइनमैनों को है। आउटसोर्स कर्मी से करंट का कार्य नहीं कराया जा सकता। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।