निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों को राहत दिलाने तथा न्यूनतम एवं प्रतिस्पर्धी दरों पर किताबें, कॉपिया, यूनिफार्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की पहल पर शहीद स्मारक गोलबाजार में लगाये जा रहे पांच दिवसीय पुस्तक मेले के दूसरे दिन आज देर शाम तक बच्चों और अभिभावकों का तांता लगा रहा।
प्रदेश में पहली बार लगाये जा रहे इस पुस्तक मेले में 50 से अधिक स्टॉल लगाये गये है जिसमें पुस्तक के साथ साथ कॉपियां, स्टेशनरी, स्कूल बैग, यूनिफार्म, जूते, टाई के स्टॉल शामिल है। इसके साथ ही मेले में खान पान के स्टॉलों को भी अलग से स्थान दिया गया है। बच्चों के लिये मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध कराये गये है। मेले में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित गणवेश के स्टॉल आकर्षण का केन्द्र बने हुये है। पुस्तक मेले को मतदाता जागरूकता अभियान से भी जोड़ा गया है तथा यहां स्वीप की गतिविधियां आयोजित की जा रही है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी मेले में किया जा रहा है।
न्यूनतम दर पर कॉपी-किताबें मुहैया कराने के उद्देश्य से जिले में पहली बार आयोजित इस मेले में अभिभावकों और बच्चों का तांता लगा हुआ है। इस दौरान संजीवनी नगर गढ़ा निवासी कक्षा बारहवीं की छात्रा राशि सिंह बहुत प्रसन्न दिखाई दे रही थी। राशि ने बताया कि उन्होंने पहली बार मेले पाठ्य पुस्तकें खरीदकर बहुत अच्छा लग रहा है। मतदाताओं को जागरूक करने बच्चों द्वारा नुक्कड़ नाटक, नृत्य एवं गीतों की प्रस्तुति लुभावनी है। उन्होंने कहा जरूरतमंद बच्चों के लिए बुक बैंक की व्यवस्था भी बहुत अच्छी है। त्रिमूर्ति नगर निवासी कक्षा दसवीं की छात्रा वेदांशी दुबे ने नवीन शिक्षण सत्र के लिए कॉपी किताबें खरीदी।
जिला प्रशासन द्वारा पुस्तक एवं मतदाता जागरूकता मेले में लगाया गया बुक बैंक स्टॉल विद्यार्थियों के लिए मददगार सिद्ध हो रहा है। मेले में आने वाले विद्यार्थी बैंक में अपनी पुरानी पाठ्य पुस्तकें जमा कर बुक बैंक में उपलब्ध पुस्तकों में आवश्यकता के अनुसार पुस्तकें प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इस बैंक में अभिभावक शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बुक बैंक में अभी तक बच्चों एवं अभिभावकों द्वारा 14 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
यादव कॉलोनी निवासी एन.के. तिवारी ने बताया कि निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों को राहत दिलाने के लिये पुस्तक मेले का आयोजन जिला प्रशासन की सराहनीय पहल है। अभिभावक विजय सिंह ने बताया कि पहले विशेष दुकानों से विद्यालयों की किताबें खरीदनी पड़ती थी। अब इस मेले में व्यापारियों में परस्पर प्रतिस्पर्धा होने के कारण डिस्काउंट भी अच्छा खासा मिल रहा है।
वहीं अपने बेटी के लिए किताबें खरीदने आई वंदना सिंह ने मेले को प्रशासन की बहुत अच्छी पहल बताया। उन्होंने बताया कि बाजार की अपेक्षा यहां काफी कम दामों पर पुस्तकें उपलब्ध हैं। एक ही जगह पर सभी वस्तुओं की उपलब्धता होने कारण बाजार में व्यर्थ होने वाले समय भी बच भी रहा है। उन्होंने बताया कि पाठ्यपुस्तकों एवं अन्य सामग्रियों को बहुत कम दाम में खरीद कर बचे हुए राशि का उपयोग फूड स्टॉल में भी किया जा सकता है।
वहीं पुस्तक मेले में नाट्यलोक संस्था के विभिन्न कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर मतदाता जागरूकता का कार्य कर रहें है। वहीं मेले में स्वामी विवेकानंद मार्गदर्शन योजना अंतर्गत विद्यार्थियों के लिये नि:शुल्क काउंसलिंग भी की जा रही है।