जबलपुर के केन्द्रीय रेल चिकित्सालय में अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की लापरवाही से रेल कर्मी व उनके परिजन जो बेहतर चिकित्सा की आस लेकर अस्पताल आते हैं, उनकी जान पर बन आयी है। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ के प्रवक्ता सतीश कुमार व मंडल सचिव डीपी अग्रवाल ने बताया कि रेल चिकित्सालय से अनुबंधित निजी अस्पताल में बड़ी मशक्कत के बाद रेफर तो कर दिया जाता है, परन्तु पर्याप्त चिकित्सा मिलने के पूर्व ही जबरन रेल अस्पताल प्रबंधकों द्वारा वापस रेल चिकित्सालय बुला लिया जाता है, जिससे उहापोह की स्थिति बन जाती है।
जिस वजह से कई मरीजों की हालत बिगड़ जाती है तो कुछ मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी। विगत सप्ताह मुख्यालय में कार्यरत कर्मचारी के पिता सेवानिवृत्त कर्मचारी को निजी चिकित्सालय में रेफर किया, जहां उनकी हुई मेजर सर्जरी के तीन दिन पश्चात् ही रेल अस्पताल प्रबंधन ने जबरन वापस रेल अस्पताल बुला लिया, जहां पर उनकी असमय मृत्यु हो गई। रेल मजदूर संघ ने लापरवाही से हुई उक्त मौत की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराने की मांग करते हुए, उक्त रवैये पर रोक लगाने की मांग की।
साथ ही रेल प्रशासन को आन्दोलनात्मक कार्यवाही की चेतावनी देते हुए केन्द्रीय चिकित्सालय में लोकल पर्चेस पर अघोषित रोक हटाने, मरीजो को सुगम समुचित इलाज देने, विशेषज्ञ चिकित्सकों व पर्याप्त पैरा मेडीकल स्टॉफ मुहैया कराने, नये भवन में बंद पड़े विशेष रूम पुनः प्रारंभ करने, पर्याप्त एम्बुलेन्स उपलब्ध कराने, मेडीकल डिकेटेगराइज मरीजो का समय पर निर्णय करने, मेडीकल रिइम्बर्समेंट प्रक्रिया सरल करने आदि व्यवस्थाएँ अविलम्ब किए जाने की मांग की।