मध्य प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में पद रिक्त हैं, योग्यता भी है लेकिन 35 वर्ष की नौकरी के पश्चात सहायक ग्रेड-तीन के लिपिकों को एक भी पदोन्नति नहीं मिलीं है। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान में लिपिकों की पदोन्नति के लिए संबंधित विभागों में सैकड़ों पद रिक्त हैं, अनेक सहायक ग्रेड-तीन को वेतनमान सुप्रिटेंडेंट का दिया जा रहा है, लेकिन पदनाम (सहायक ग्रेड-तीन) छोटे बाबू ही है।
पदोन्नति ना होने के कारण (छोटे बाबू) लिपिक को 10 वर्ष की सेवा के पश्चात एक समयमान वेतन 20 वर्ष में दो एवं 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तीसरा समयमान वेतन का लाभ दिया जाता है, आज अनेक लिपिकों को तीन समयमान वेतन मिल चुके है, लेकिन एक भी प्रमोशन का लाभ नहीं मिला है। मध्य प्रदेश शासन के आदेशानुसार ही समयमान वेतन का लाभ दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, संतोष मिश्रा, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, आशुतोष तिवारी, नरेंद्र सेन, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, मनोज सेन, मंसूर बेग, योगेंद्र मिश्रा, ब्रजेश मिश्रा, राजू मस्के, अर्जुन सोमवंशी, इंद्रप्रताप यादव, विनय नामदेव, अजय दुबे ने मध्य प्रदेश शासन से अपने पात्र लिपिक कर्मचारियों को समयमान वेतन के अनुसार समस्त लाभ एवं पदनाम देने की मांग की है।