यूनाइटेड फोरम फ़ॉर पावर एम्प्लॉयीज एन्ड इंजीनियर ने मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री के साथ ही सभी विद्युत कंपनियों के प्रबंधन को पत्र लिख के मांग की है कि विद्युत कार्मिक को देय पेंशन की सुनिश्चत व्यवस्था हेतु पेंशन के मद में जो भी राशि मप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा पारित (Pass) की जाती है, उसे मप्र शासन की ट्रेजरी में जमा कराया जाये एवं उक्त राशि से ही प्रति माह 1 तारीख को सभी विद्युत पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु उत्तर प्रदेश शासन के विद्युत पेंशनर्स हेतु बनाये गये नियमों के अनुसार मध्य प्रदेश में भी इसी तरह की व्यवस्था लागू हो।
यूनाइटेड फोरम के प्रदेश अध्यक्ष व्हीकेएस परिहार ने बताया कि भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 133 (2) मे निहित प्रावधानो के अंतर्गत राज्यों के विद्युत मंडलों/निगमों को कंपनियों में स्थानांतरित करने के समय कार्मिकों को प्रयोज्य सेवा निवंधन एवं शर्तें, जिसमें वेतन, पेंशन शामिल हैं, पूर्वानुसार सुनिश्चित करना होगा तथापि मध्यप्रदेश में मप्रराविमं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु जो नीति बनाई गयी है, उसके त्रुटिपूर्ण संचारण के कारण शासन एवं प्रबंधन द्वारा उपभोक्ताओं से वेतन एवं पेंशन की राशि वसूल करने के उपरांत भी समय से पेंशन व मंहगाई राहत का भुगतान न करना, जैसा कि माह सितम्बर-2022 में शासन एवं प्रबंधन द्वारा फण्ड की कमी बताकर पेंशन काभुगतान समय पर नहीं किया गया, एक गंभीर चिंता का विषय है समय पर पेंशन का भुगतान न होने की इस एक घटना से पेंशन के भुगतान हेतु की गई व्यवस्था पर प्रश्न चिंह लगे हैं एवं इससे प्रदेश के 52 हजार विद्युत पेंशनर एवं 15 हजार विद्युत कर्मी अपने भविष्य को लेकर आशांकित व भयाक्रांत हैं।
वर्तमान में सभी विद्युत कंपनियों में मण्डल के लगभग 15000 अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत है एवं लगभग 52000 अधिकारी एवं कर्मचारी पेंशन प्राप्त कर रहे है, इस प्रकार लगभग 67000 अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पेंशन की समुचित व्यवस्था शासन/प्रशासन द्वारा न किया जाना उनके प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है। पिछले तीन वर्षों में ऊर्जा मंत्री एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा द्वारा विभिन्न चर्चाओं में पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था हेतु आश्वासन ही आश्वासन दिये गये है, लेकिन उन पर समुचित कार्यवाही आज दिनांक तक अपेक्षित है।
शासन व प्रशासन के इस प्रकार के असंवेदनशील रवैया के कारण लगभग 67000 पेंशनर्स एवं अधिकारी एवं कर्मचारी अपने भविष्य के प्रति आशंकित एवं भयाक्रांत है। इस संबंध में चर्चा हेतु एवं समय प्रदान करने मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री से निवेदन किया गया था, किन्तु इस दिशा में भी कोई ठोस पहल नही की गई है। 15 दिवस में इस संबंध में कार्यवाही न होने पर प्रदेश के वयोवृद्ध विद्युत पेशनर्स एवं कार्मिक शांतिपूर्ण आन्दोलनात्मक गतिविधियों हेतु निम्न अनुसार बाध्य होंगे ।
आंदोलन के कार्यक्रम
31.08.2023 तक सभी मंत्री, सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधियों को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन। 5.09.2023 को सभी जिला मुख्यालयों में पेंशनर्स द्वारा एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया जायेगा, जिसमें कंपनियों में कार्यरत सभी विद्युत कर्मचारी एवं अधिकारी भी सुबह 10 बजे से 11 बजे तक धरनाप्रदर्शन में शामिल होगें। इसके बाद 10.09.2023 को भोपाल में सरकार के ध्यानकर्षण हेतु पेंशनर्स एवं कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विशाल शांतिपूर्ण प्रदर्शन एवं रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जायेगा। इसके के उपरांत भी यदि विद्युत पेंशनर्स को पेंशन के भुगतान हेतु सुनिश्चित व्यवस्था की उक्त मांग का निराकरण नहीं किया जाता है, उस स्थिति में कार्यरत विद्युत कर्मी, संपूर्ण कार्यवहिष्कार जैसे गंभीर निर्णय लेने हेतु बाध्य होगें।