विधानसभा चुनाव के दौरान कोई भी राजनैतिक नेता दलीय प्रचार से हटकर किसी अभ्यर्थी के पक्ष में प्रचार-प्रसार करता है तब उस कार्यक्रम पर किया गया व्यय उम्मीदवार के खाते में डाल दिया जायेगा।
दलों और आयोजकों के द्वारा किये जाने वाले कार्यक्रम सुरक्षा प्रबंध को ध्यान में रखते हुए सरकारी एजेन्सियों द्वारा बैरीकेट या मंच इत्यादि का निर्माण किया जाता है, तब उस निर्वाचन क्षेत्र से लड़ रहे उम्मीदवार के खाते में व्यय डाला जायेगा।
यदि उस कार्यक्रम में अन्य क्षेत्र के अभ्यर्थी भी सम्मिलित होते हैं तो उनका व्यय भार समान रूप में बांटा जायेगा। बेरीकेट या मंच आदि पर सरकारी एजेन्सियों द्वारा किये गये व्यय की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तीन दिवस में उम्मीदवार को दी जायेगी, जिसे उनके खाते में डाला जाएगा।
जब उम्मीदवार, राजनैतिक नेता अथवा आयोजक स्वयं के खर्चे से मंच अथवा बेरीकेट का निर्माण करता है तो उस कार्यक्रम में उपस्थित उम्मीदवार के खाते में राशि दर्शायी जायेगी इस राशि का सत्यापन नामित अधिकारी द्वारा किया जायेगा। जहां सरकारी एजेन्सियों द्वारा मंच आदि का निर्माण किया जाता है। ऐसी स्थिति में उम्मीदवार, राजनैतिक नेता अथवा आयोजक पूर्व से अनुमानित राशि जमा करेगा।
ऑनलाइन आवेदन
विधानसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों को सभा के लिये मैदान की अनुमति लेने, रैली निकालने, लाउडस्पीकर, वाहन एवं हेलीपैड के लिये अनुमति लेने अब निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पडेगी। वे इन अनुमतियों के लिये ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने पारदर्शिता के मद्देनजर किसी भी कार्य की अनुमति लेने के लिये राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को पहले आओ पहले पाओ की सुविधा दी है। इसके तहत जो पहले ऑनलाइन आवेदन करेगा, उसे पहले अनुमति दी जायेगी। इसके लिये सुविधा एप पर तय समय के पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद उपलब्धता अनुसार उन्हें अनुमति दी जायेगी। विधानसभा चुनाव को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिये इस बार आम सभायें, रैली, वाहनों के अधिग्रहण की जानकारी सहित विभिन्न समस्याओं का समाधान भी ऑनलाइन किया जायेगा।
धार्मिक स्थलों मे सभा करने या प्रचार करने की नहीं होगी अनुमति
विधानसभा निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवारों को किसी भी धार्मिक स्थान में राजनैतिक सभा करने अथवा किसी भी माध्यम से प्रचार करने की अनुमति नहीं होगी। आयोग के इस निर्देश का उल्लंघन करने पर संबन्धित रिटर्निंग अधिकारी नियमानुसार दंडात्मक कार्यवाही कर सकेंगे। दलों एवं उम्मीदवारों को लाउडस्पीकर चलाने की अनुमति में यह ध्यान रखना होगा कि अनुमति की शर्तों का किसी भी तरह उल्लंघन हो।
एयरक्राफ्ट एवं हेलीकॉप्टर यात्रा व्यय
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार मतदान के पश्चात् तथा मतगणना की तारीख से पहले किये गये खर्चों को चुनावी खर्चा माना जायेगा। इसको उम्मीदवार के द्वारा अपने खर्चे में बताया जायेगा। मतदान की तिथि के पश्चात् स्टार प्रचारक या अभ्यर्थी के यात्रा पर होने वाले व्यय को किसी अभ्यर्थी के खाते में नही जोड़ा जायेगा, परन्तु यदि स्टार प्रचारक अथवा अभ्यर्थी उस निर्वाचन क्षेत्र में जहां से वह चुनाव लड़ा है में जाता है तो मतदान की तारीख वाले दिन या उससे पहले मतगणना की व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिये निर्वाचन क्षेत्र के अन्दर के यात्रा व्यय को उसके खाते में जोड़ा जायेगा। निर्वाचन क्षेत्र से बाहर के यात्रा व्यय को उसके खाते में नहीं जोड़ा जायेगा। यदि स्टार प्रचारक के निर्वाचन क्षेत्र से बाहर किये गये यात्रा व्यय को राजनैतिक दल वहन कर रहा है तो यह व्यय निर्वाचन समाप्ति के 75 दिन के अन्दर राजनैतिक दल द्वारा आयोग को प्रस्तुत किया जायेगा।