भारत सरकार विद्युत मंत्रालय के ख्यातिलब्ध प्रशिक्षण संस्थान नेशनल पॉवर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रेनिंग सेन्टर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत ‘‘परिचालन सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन‘‘ पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
इस प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ नेशनल पॉवर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की महानिदेशक श्रीमती तृप्ता ठाकुर एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने किया। इस अवसर पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के निदेशक (वाणिज्य) सुधीर कुमार श्रीवास्तव, निदेशक (पीडीटीसी) अनिल कुमार खत्री, भारत सरकार के उपक्रम पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के उपमहाप्रबंधक संजेश कुमार सहित भोपाल शहर वृत्त एवं भोपाल ओएंडएम वृत्त के लाइन कार्मिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों में शामिल हैं।
प्रशिक्षण सत्र के शुभारंभ कार्यक्रम में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में सैद्धांतिक ट्रेनिंग के अलावा व्यवहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इसके लिए पूरे कंपनी कार्यक्षेत्र में विभिन्न व्यवहारिक प्रशिक्षण कैम्प लगाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लाइनकर्मियों को लाइनों पर कार्य करते समय विद्युत सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए और निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करते हुए सुरक्षा जोन बनाकर कार्य करना चाहिए।
क्षितिज सिंघल ने पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए कंपनी द्वारा प्रदाय किये गये आधुनिक रूप से डिजाइन सुरक्षा उपकरण इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लाइनकर्मियों को प्रशिक्षण की आवश्यकता बताई और कहा कि विद्युत कर्मियों की घातक एवं अघातक विद्युत दुर्घटनाएं तभी कम हो सकती है जब विद्युत सुरक्षा उपकरण पहनकर ही कार्य किया जाए।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान नेशनल पॉवर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की महानिदेशक श्रीमती तृप्ता ठाकुर ने अपने संबोधन में रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों और क्षमता विकास कार्यक्रमों की आवश्यकता की जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में विद्युत की मांग वर्ष 2047 तक अत्यधिक बढ़ने वाली है और किसी भी विकसित देश के लिए प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत को एक महत्वपूर्ण इकाई माना जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत में विद्युत वितरण क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम करने की जरूरत है। इनमें विद्युत हानियों को कम करना, शत-प्रतिशत राजस्व संग्रह करना, विद्युत वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करना और नई टैक्नोलॉजी को आत्मसात करने की चुनौती की पूर्ति के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम सार्थक और अर्थपूर्ण साबित हो सकते हैं।
प्रशिक्षण सत्र के शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर निदेशक (वाणिज्य) सुधीर कुमार श्रीवास्वत, निदेशक (पीडीटीसी) अनिल कुमार खत्री एवं पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इडिया (भारत सरकार का उपक्रम) के उपमहाप्रबंधक संजेश कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल एवं नेशनल पॉवर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की महानिदेशक श्रीमती तृप्ता ठाकुर ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण किट वितरित की। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के प्रारंभ और अंत में एक परीक्षा आयोजित की जाएगी ताकि यह देखा जा सके कि प्रशिक्षणार्थियों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को किस हद तक ग्राह्य किया है।
गौरतलब है कि भोपाल शहर के गोविन्दपुरा स्थित मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रेनिंग सेन्टर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सेन्ट्रल इंडिया का सबसे बड़ा मान्यताप्राप्त प्रशिक्षण संस्थान है।