एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में टीबीसीबी के माध्यम से रीवा एवं अमरपाटन के प्रस्तावित 400 केवी उपकेंद्रों का निर्माण कार्य निजी कम्पनियों से कराये जाने की प्रक्रिया को निरस्त कर यह कार्य प्रदेश की एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी से कराये जाने तथा ट्रांसमिशन कंपनी में नियमित अभियंताओं एवं कर्मचारियों की भर्ती को लेकर पावर इंजीनियर्स एवं एम्प्लाईज एसोसिएशन द्वारा आज सम्पूर्ण प्रदेश में प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम समस्त जिलों के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
संगठन के प्रदेश महासचिव अजय कुमार मिश्रा द्वारा ज्ञापन में कहा गया है कि विगत कुछ समय से प्रदेश के उपकेंद्रों का निर्माण कार्य टीबीसीबी के माध्यम से निजी कंपनियों से कराया जा रहा है, जिसमें लागत भी अधिक आ रही है, साथ ही निजी कम्पनियों द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य भी नहीं किया जा रहा है, जिससे शासन को वित्तीय हानि के साथ-साथ प्रदेश के उपभोक्ताओं के ऊपर विद्युत देयक का वित्तीय भार भी बढ़ रहा है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है कि वर्तमान में 400 केवी रीवा एवं अमरपाटन प्रस्तावित उपकेंद्रों का निर्माण कार्य टीबीसीबी के माध्यम से निविदा निकालकर निजी कंपनियों से कराये जाने की तैयारी की जा रही है।
पूर्व में 36 उपकेंद्रों एवं 1200 किमी. अतिउच्चदाब लाइनों के कार्य को टीबीसीबी के माध्यम से निजी कम्पनियों से कराया गया है, जिसकी निर्माण लागत एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड की निर्माण लागत से कई गुना ज्यादा है, जिसका भार प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के ऊपर आ रहा है, जिसमें कहीं न कहीं माननीय द्वारा प्रदेश की जनता को कम से कम दाम पर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराये जाने के लक्ष्य में बाधा भी उत्पन्न हो रही है।
प्रदेश की एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड न्यूनतम लाइन लास की देश की सबसे अग्रणी कंपनी होने तथा कम समय एवं न्यूनतम संसाधनों में कार्य पूर्ण करने के कीर्तिमान स्थापित करने के बावजूद भी प्रदेश के 400/220/132 केवी उपकेंद्रों का निर्माण कार्य टीबीसीबी के माध्यम से निविदा निकालकर कई गुना अधिक लागत पर निजी कम्पनियों से कराया जाना कही से कहीं तक देश तथा प्रदेश हित में नहीं है।
विगत कई वर्षों से एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में अभियंताओं एवं कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है एवं कंपनी से कार्मिक लागातार सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं, जिससे कंपनी में हजारों पद खाली पड़े हुए हैं। साथ ही एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को विद्युत उपकेंद्रों के निर्माण कार्य का प्रोजेक्ट न दिया जाना भी, कंपनी के भविष्य को चिंताजनक स्थिति में ले जा रहा है।
संगठन के अमित दहिया, दीपक श्रीवास्तव, नितिन सेन, कोपल पारे, चिंतामन कोरी, मयंक साहू ने मुख्यमंत्री से ज्ञापन के माध्यम से निवेदन किया गया है कि 400 केवी रीवा एवं अमरपाटन के प्रस्तावित उपकेंद्रों का निर्माण कार्य टीबीसीबी के माध्यम से कराये जाने की प्रक्रिया को अविलम्ब निरस्त करने एवं यह कार्य प्रदेश की एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड से कराये जाने हेतु निर्देश जारी किया जाएं, साथ ही एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में जल्द से जल्द नियमित अभियंताओं एवं कर्मचारियों की भर्ती की जाए।