मध्य प्रदेश में बिजली उत्पादन की स्थिति गंभीर होती जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में 10 हजार मेगावाट बिजली की मांग के एवज में सिर्फ 3900 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। बाकी बिजली एनटीपीसी और अन्य स्रोतों से ली जा रही है।
वहीं विद्युत सूत्रों के अनुसार प्रदेश के ताप विद्युत गृहों में कुछ ही दिन का कोयला बचा हुआ है, जिससे आने वाले समय में बिजली का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना है, जिससे प्रदेश में ब्लैक आउट की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
इस बीच मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के एमडी मनजीत सिंह का कहना है कि जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों में कोयले की उपलब्धता के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। सभी स्त्रोतों से कोयला लेने की कोशिश हो रही है। कोल इंडिया व रेलवे से कोयले की सतत् सप्लाई के लिए बात की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी स्थिति सामान्य नहीं है, लेकिन अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्यप्रदेश बेहतर स्थिति में है। राजस्थान, कर्नाटक व पंजाब में कोयले की कमी से पावर कट लागू कर दिए गए हैं। कोयले की उपलब्धता के लिए ऐसे अभूतपूर्व प्रयास कर रहे हैं, जो इसके पूर्व कभी नहीं किए गए।