देश-प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण से उपजी कठिन परिस्थितियों के चलते सरकार संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतने की लगातार अपील कर रही है। मप्र सरकार ने इसके लिए अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े विभागों को निर्देश भी दिए हैं, लेकिन पद के मद में चूर विद्युत विभाग के अधिकारी लगातार इसकी अनदेखी कर रहे हैं, उन्हें किसी की जान की बिल्कुल चिंता नहीं है।
उल्लेखनीय है कि एक ओर जहां विद्युत वितरण कंपनी के मैदानी लाइन कर्मियों को कोरोना वायरस के जानलेवा संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं मिल रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर लाइन कर्मियों को करंट का कार्य करने के दौरान उपयोग आने वाले अतिआवश्यक जीवनरक्षक उपकरण भी प्रदान नहीं किये जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ विद्युत लाइन कर्मियों को पास जीवनरक्षक उपकरण जैसे हैंड ग्लव्स, प्लास्क, टेस्टर, बांस की सीढ़ी, टूल बैग, टॉर्च आदि अधिकारियों द्वारा समय पर उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
जीवनरक्षक उपकरण ना होने से लाइन कर्मियों को करंट लगकर दुर्घटना होने का हमेशा भय बना रहता है। लाइन कर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरण उनका जीवनरक्षक कवच होता है। संघ के द्वारा सुरक्षा उपकरण के लिए अनेक बार जमीनी अधिकारियों को अवगत कराया जाता है कि सुरक्षा उपकरण खत्म होने के पहले ही एक्स्ट्रा में उपलब्ध करा दिए जाएं, मगर अधिकारियों के द्वारा हमेशा हीलाहवाली की जाती है।
उन्होंने बताया कि एरिया स्टोर में सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हैं, मगर ईआरपी की गड़बड़ी की वजह से नहीं मिल पा रहे हैं। संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अरुण मालवीय, शशि उपाध्याय, राम शंकर, ख्यालीराम, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, लखन राजपूत, इंद्रपाल, सुरेंद्र मेश्राम, वीरेंद्र विश्वकर्मा, शिव कुमार रजक, राजू नायडू,कमल कुमार सैनी, नाथूराम काछी, भागचंद यादव, हीरालाल कोल, धर्मेंद्र मौर्य आदि ने मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि लाइन कर्मियों को तत्काल जीवनरक्षक उपकरण उपलब्ध कराये जाएं।