Friday, December 27, 2024
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एमपी में लागू हुआ नया कानून, खुले बोरवेल में दुर्घटना होने पर होगी एफआईआर

खुले बोरवेल (नलकूप) में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए, राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा अधिनियम-2024 बनाया गया है जो क्रियाशील हो चुका है। इस अधिनियम में यदि बोरवेल (नलकूप) के ड्रिलिंग के समय ड्रिलिंग एजेंसी द्वारा समुचित सुरक्षा उपाय नहीं किए जाने और दुर्घटना की स्थिति में ड्रिलिंग एजेंसी के साथ ही भूमि स्वामी के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने के प्रावधान हैं।

सुरक्षात्मक उपाय में लापरवाही पर 25 हजार तक का लगेगा जुर्माना

ड्रिलिंग एजेंसी या भूमि स्वामी की लापरवाही के कारण कोई दुर्घटना होने पर ड्रिलिंग एजेंसी एवं भूमि स्वामी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी। ड्रिलिंग एजेंसी एवं भूमि स्वामी यदि सुरक्षात्मक उपाय के निर्देश का अनुपालन करने में असफल रहते हैं तो प्रथम अपराध के लिए रूपए 10 हजार तक एवं प्रत्येक पश्चातवर्ती अपराध के लिए रूपए 25 हजार रुपये तक का जुर्माना देना होगा। साथ ही दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में दोषसिद्धि पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 100, 105, 106 तथा 110 के प्रावधान अनुसार दण्डित किया जाएगा। दुर्घटना के दौरान किसी व्यक्ति के बचाव के लिए उपगत व्यय, ड्रिलिंग एजेंसी या भूमि स्वामी से वसूल किया जाएगा। इस अधिनियम के अधीन पारित किसी आदेश के विरुद्ध 30 दिन की अवधि में अपील की जा सकेगी।

निष्क्रिय बोरवेल को 3 माह के अंदर बंद करना होगा

ड्रिलिंग एजेंसी को बोरवेल/नलकूप की ड्रिलिंग के पूर्व निर्धारित वेब पोर्टल पर डाटा भरकर ड्रिल करने के लिए अनुज्ञा प्राप्त करनी होगी। ड्रिलिंग एजेंसी को ड्रिलिंग स्थल, भूमि स्वामी के संबंध में संपूर्ण जानकारी देना होगा। ड्रिलिंग के दौरान और उसके पूर्ण होने के बाद सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करना होगा। निष्क्रिय बोरवेल (नलकूप) को 3 माह के अंदर भूमि स्वामी द्वारा बंद करना होगा। भूमि स्वामी या ड्रिलिंग एजेंसी सक्षम प्राधिकारी के निर्देश पर बोरवेल (नलकूप) में कैप नहीं करते हैं तो कैप करने में उपगत व्यय वसूला जाएगा।

शिकायतकर्ता के लिए पुरस्कार का भी प्रावधान

खुले बोरवेल (नलकूप) में सक्षम अधिकारी स्वयं अथवा किसी व्यक्ति द्वारा रिपोर्ट या शिकायत प्राप्त होने पर संज्ञान ले सकेंगे। शिकायत सत्य पाये जाने पर शिकायतकर्ता को पुरस्कृत करने का भी प्रावधान अधिनियम में शामिल है।

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