मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में चुनावी अमले के अनेक लोक सेवक गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, जैसे हृदय रोग, कैंसर, रक्तचाप, गंभीर मधुमेय, लकवा, ब्रेन ट्यूमर, किडनी रोग, डायलेसिस के साथ-साथ अस्थाई द्विव्यांगता से पीडित हैं साथ ही वर्ष कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी की चपेट में आकर गंभीर रूप से बीमार हुए लोक सेवकों को चुनावी कार्य से दूर रखा जावे।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि क्योंकि ऐसे कर्मचारी को अपने परहेजी सादे खान-पान के साथ ही समय पर दवाईयों पर आश्रित रहना पड़ता है एवं जिन्हें कभी भी चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता पड़ सकती है, को चुनावी मतदान दल से मुक्त रखा जावे ताकि जिससे मतदान दल के अन्य सदस्यों को चुनाव कार्य संपन्न कराने में परेशानी न हो। वहीं ऐसे पति या पत्नी दोनों ही लोक सेवक हो उनमें से किसी एक की ही चुनावी डयूटी लगाई जानी चाहिए, जिससे पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन हो सके तथा ऐसी महिला लोक सेवक जिनकी तीन वर्ष से कम के छोटे बच्चे हैं उन्हें भी चुनाव कार्य से मुक्त रखा जाये।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, चन्दु जाउलकर, विपिन शर्मा, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, प्रशांत श्रीवास्तव, आलोक अग्निहोत्री, साहिल सिद्दीकी, रमेश उपाध्याय, राजकुमार मिश्रा, जगत पटैल, विट्टू आहलूवालिया, उमेश पारिख आदि ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी जबलपुर से मांग है कि गंभीर बीमारी से ग्रसित लोक सेवकों को चुनाव डयूटी से मुक्त रखा जाये तथा पति या पत्नी में से किसी एक की ही चुनाव डयूटी लगाई जावे।