Monday, November 25, 2024
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मप्र के जिलों-अनुभाग एवं तहसीलों की सीमाओं का होगा युक्तियुक्तकरण, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इंदौर संभाग का चयन

इंदौर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर इंदौर संभाग के जिलों, अनुभाग एवं तहसीलों की सीमाओं का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। इसके लिए इंदौर संभाग का चयन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया है। संभाग के जिलों, अनुभाग एवं तहसीलों की सीमाओं के युक्तियुक्तकरण के प्रस्ताव तैयार करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। जिलों में प्रारंभिक स्तर पर प्रस्ताव तैयार किये जा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श कर प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा।

यह जानकारी मंगलवार को यहां पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं इंदौर संभाग के प्रभारी मलय श्रीवास्तव की अध्यक्षता में संपन्न हुई संभागीय समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में संभागायुक्त दीपक सिंह, मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी अमित तोमर, इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह सहित संभाग के जिलों के कलेक्टर्स, जिला पंचायत के सीईओ और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में एसीएस मलय श्रीवास्तव ने इंदौर संभाग में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि यह अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इंदौर संभाग में जल गंगा संवर्धन अभियान के अन्तर्गत उत्कृष्ट एवं प्रभावी कार्य हुए हैं। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को बधाई भी दी। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में अभियान के अन्तर्गत जब तक बारिश नहीं हो, तब तक नदी, तालाबों और कुओं के साफ-सफाई और गहरीकरण का कार्य जारी रखा जाये। बारिश के पूर्व वृक्षारोपण की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाए। गड्ढे की खुदाई का कार्य पूरा कर लें। पौधों की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर ली जाये। जैसे ही बारिश प्रारंभ हो जाये उसके तुरंत पश्चात वृक्षारोपण का कार्य शुरू कर दें।

उन्होंने खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे लगाकर खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण की गतिविधियों की लगातार निगरानी की जाये। खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। जरूरत पड़ने पर अस्थाई चौकियां बनाकर भी निगरानी रखी जाए।

उन्होंने राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समयसीमा में सुनिश्चित किया जाये। रजिस्ट्री होने के तुरंत पश्चात ही नामांतरण हो जाये। राजस्व प्रकरणों के संबंध में किसी भी नागरिक को परेशान नहीं होना पड़े, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत सभी पात्र किसानों की ई-केवायसी का कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाये। जल जीवन मिशन के तहत पूर्ण योजनाएं ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी जाए।

बैठक में श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशा के अनुरूप पुलिस थानों के युक्तियुक्तकरण के पश्चात संभाग के जिलों, अनुभाग और तहसीलों की सीमाओं का भी युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। इसके लिए इंदौर संभाग का चयन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुआ है। उन्होंने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि प्रशासनिक जरूरतों के मान से प्रस्ताव तैयार कर लेवें। प्रस्ताव को अंतिम रूप देने से पहले जनप्रतिनिधियों से भी व्यापक विचार-विमर्श किया जाये।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रभारी संभागीय सचिव के रूप में व्यवस्था शुरू की गई है। इससे जिले, संभाग और राज्य स्तर के मध्य बेहतर समन्वय बन रहा है। उन्होंने गत जनवरी माह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा ली गई बैठक में लिये गये निर्णयों और दिए गए निर्देशों के परिपालन की भी समीक्षा की। उन्होंने बताया कि बैठक में लिये गये निर्णयों और दिए गए निर्देशों में से अधिकांश का पालन सुनिश्चित कर लिया गया है। बताया गया कि कुल 272 बिन्दुओं में से 192 बिन्दुओं का पालन सुनिश्चित कर लिया गया है। शेष बिन्दुओं पर कार्य प्रगतिरत है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने झाबुआ जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत हुए कार्यों पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस मौके पर कलेक्टर झाबुआ नेहा मीणा तथा जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र सिंह चौहान भी मौजूद थे।

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